हापुड़ में पिछले दिनों सिंभावली चीनी मिल के गोदाम से पुराने स्टॉक की करीब 71 हजार क्विंटल चीनी एक फर्म को करीब 3550 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बेच दी गई। जोकि बाजार भाव से करीब 300 रुपये प्रति क्विंटल कम बताई जा रही है। इसकी जानकारी गन्ना विभाग को होने पर मामला गरमा गया और आईआरपी को नोटिस जारी कर, जवाब मांगा। लेकिन चीनी बाजार मूल्य से कम दाम पर बेचने के मामले में शुक्रवार को आईआरपी ने स्पष्टीकरण का जवाब नहीं दिया। शुक्रवार को भाकियू कार्यकर्ताओं ने इसके विरोध में डीसीओ कार्यालय का घेराव किया। वहीं, हरियाणा की एक फर्म को चीनी बेचने की चर्चा है। बिल बाहर न आएं, इसे लेकर पूरी सतर्कता बरती जा रही है।
डीसीओ कार्यालय के घेराव के दौरान भाकियू जिलाध्यक्ष पवन हूण ने कहा कि 71 हजार क्विंटल चीनी बाजार मूल्य से 300 रुपये कम पर बेचने से भुगतान पर असर पड़ा है। जिस दाम पर चीनी बेची गई है, किसानों को उस दाम पर कभी नहीं मिलती। इस खरीद फरोख्त की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।
चीनी बिक्री की रकम में जितना अंतर हो, वह दोषियों से वसूलकर किसानों को भुगतान के रूप में दिलाया जाए। उन्होंने कहा कि पिछले सत्र का भी दोनों चीनी मिलों ने पूरा भुगतान नहीं किया है। जब वार्ता होती है, तब चीनी बिक्री का कोटा सीमित होने की बात कह पल्ला झाड़ लिया जाता है।
लेकिन एक ही फर्म को करीब 71 हजार क्विंटल चीनी की बिक्री कर दी गई। जिस समय कम दाम पर बिक्री हो रही थी, तब अधिकारी क्या कर रहे थे। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि इस प्रकरण की जांच कर जल्द कड़ी कार्यवाही नहीं की गई तो किसान आंदोलन शुरू कर देंगे। ज्ञापन देने वालों में कटार सिंह, राजेंद्र डागर, राधेलाल त्यागी, मोनू त्यागी, मनोज तोमर, जतिन मौजूद रहे।
जिला गन्ना अधिकारी सना आफरीन खान- ने बताया की भाकियू कार्यकर्ताओं ने कार्यालय में आकर ज्ञापन दिया है। उनकी समस्या सुनकर, आश्वासन भी दिया है। फिलहाल आईआरपी को जो नोटिस दिया गया था, उस संबंध कोई जवाब नहीं आया है।