हापुड़ में आलू की खोदाई शुरू होने के साथ ही शीतगृहों में तीन साल पुराने शुल्क पर आलू का भंडारण शुरू हो गया है। 18 शीत गृहों में 1.80 लाख एमटी आलू भंडारण की क्षमता है। इस सुविधा से क्षेत्र के किसानों को अपनी उपज को सुरक्षित रखने में मदद मिल रही है। आवक शुरू होने के साथ ही जिला प्रशासन भी सतर्क हो गया है।
खेतों से आलू की खोदाई शुरू हो गई है। इस बार उत्पादन कम है। बाजार में आलू के दाम भी अच्छे नहीं मिल रहे। भंडारण के लिए आलू शीतगृह पहुंचने शुरू हो गए हैं। तीन साल से भंडारण शुल्क नहीं बढ़ने पर हापुड़ शीतगृह एसोसिएशन ने प्रति क्विंटल 15 रुपये शुल्क बढ़ा दिया था।
हालांकि लखनऊ में आयोजित बैठक में दाम बढ़ाए जाने पर कोई सहमति नहीं बनी, जिस कारण इस साल भी पिछले साल के बराबर ही शुल्क देना होगा। खेतों में आलू की खोदाई शुरू हो गई है। चिप्सोना आलू प्रति बीघा 25 से 45 कट्टे तक निकल रहा है। हाईब्रिड 60 के आसपास निकल रहा है।
किसानों की माने तो अगेती बुवाई वाली फसल में उत्पादन काफी कम है। मंडी में चिप्सोना आलू के दाम 600 से 700 रुपये प्रति कट्टा तक है। हाइब्रिड आलू 400 से 500 रुपये तक बिक रहा है। पिछले साल दाम एक हजार से अधिक तक पहुंच गए थे। आलू भंडारण को लेकर जिला प्रशासन ने स्पष्ट आदेश दिए हैं कि किसानों को परेशानी न हो, सड़कों पर भी लंबी लाइनें न लगे।
जिला उद्यान अधिकारी डॉ. हरित- ने बताया की जिले के सभी शीतगृहों में किसानों के लिए अच्छी व्यवस्थाएं बनाने के निर्देश दिए गए हैं। किसानों को भंडारण के दौरान किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। इस पर खास नजर रखी जाएगी।