जनपद हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में क्षेत्र में सरकारी गेहूं क्रय केंद्रों पर अभी तक न के बराबर ही किसान गेहूं बेचने पहुंचे हैं। क्रय केंद्रों पर काफी कम संख्या में किसान पहुंचे हैं। इसके विपरीत निजी व्यापारियों के पास बड़ी संख्या में किसानों की भीड़ लगी है। किसानों का तर्क है कि सरकारी खरीद केंद्रों पर औपचारिकताएं अधिक हैं, जबकि व्यापारी बिना समय गंवाए उपज खरीद रहे हैं।
इस समय गेहूं की कटाई जोरों पर है, लेकिन क्षेत्र के सरकारी गेहूं क्रय केंद्रों पर अभी तक न के बराबर ही किसान गेहूं बेचने पहुंचे हैं। दरअसल, सरकारी केंद्रों में फसल बेचने से पहले ऑनलाइन पंजीकरण करवाना पड़ता है और उसके बाद स्लॉट की बुकिंग होती है। स्लॉट बुक होने के बाद तय दिन और समय पर किसान को फसल लेकर खरीद केंद्रों में पहुंचना होता है। दूसरी तरफ व्यापारी बिना किसी औपचारिकता के बिना समय गंवाए गेहूं की उपज खरीद रहे हैं। व्यापारी भी उसी कीमत पर फसल खरीद रहे हैं, जो दाम सरकारी खरीद केंद्रों में मिल रहे हैं।
किसान देवेंद्र सिंह ने बताया कि इस बार फसल पर मौसम की मार पड़ी है। इससे दाने का आकार भी छोटा रह गया है। इसके बावजूद व्यापारी फसल को खरीद रहे हैं, जबकि सरकारी केंद्रों में दाने की छंटाई होती है और फसल की गुणवत्ता के मुताबिक दाम तय होते हैं। ऐसे में व्यापारियों को फसल देना सुगम होने के साथ लाभकारी भी है।