हापुड़ में भीषण गर्मी में हापुड़ डिवीजन के आठ बिजलीघरों में से छह के अवर अभियंता राजस्व वसूली में फेल हुए हैं। लक्ष्य पाना तो दूर इसके सापेक्ष 18 फीसदी तक ही वसूली हो सकी है। सात बिजलीघर से जुड़े इलाकों में मई में दी सप्लाई का 50 फीसदी राजस्व भी ऊर्जा निगम को नहीं मिला है। मुख्य अभियंता ने हापुड़ के आठ बिजलीघरों से जुड़े क्षेत्रों की समीक्षा में नाराजगी जताई और बैठक में ऐसे अवर अभियंताओं को फटकार लगाते हुए अंतिम चेतावनी दी है।
राजस्व वसूली को लेकर शासन द्वारा सख्ती बरती जा रही है। ऊर्जा निगम में भी अधिकारियों पर वसूली का दबाव बना हुआ है। लेकिन अवर अभियंताओं द्वारा लापरवाही बरती जा रही है। मई की समीक्षा में मिले आंकड़े के अनुसार हापुड़ डिवीजन के आठ बिजलीघर से जुड़े 35974 उपभोक्ताओं को 21653 केयू सप्लाई दी गई, इसके सापेक्ष 1571 लाख रुपये का राजस्व बना।
हर बिजलीघर के अवर अभियंताओं को राजस्व वसूली के अलग- अलग लक्ष्य दिए गए थे। लेकिन लक्ष्य प्राप्ति तो दूर अधिकारी बिजली चोरी भी नहीं रोक सके। अवर अभियंताओं की राजस्व प्रगति रिपोर्ट बेहद खराब रही है। कुल एरियर की बात करें तो इन बिजलीघरों से जुड़े उपभोक्ताओं पर निगम का 129 करोड़ से भी अधिक बकाया हो गया है। मई की समीक्षा में आठ में से छह अवर अभियंता ऐसे रहे हैं जो राजस्व लक्ष्य का महज 18 से 95 फीसदी राजस्व ही वसूल पाए हैं।
सिर्फ प्रीत विहार बिजलीघर के जेई अरुण कुमार ने लक्ष्य के सापेक्ष 111.57 और मोदीनगर रोड बिजलीघर के जेई सुमित ने 100 फीसदी राजस्व की वसूली की है। मुख्य अभियंता ने अवर अभियंताओं को फटकार लगाते हुए अंतिम चेतावनी जारी की है। साथ ही लाइनलॉस रोकने और हर हाल में राजस्व वसूली करने के निर्देश दिए हैं। वसूली की प्रतिदिन समीक्षा रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं बिना बताए विद्युत कटौती करने पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्य अभियंता एस. अब्बास रिजवी- ने बताया की राजस्व वसूली को लेकर समीक्षा में कई अवर अभियंताओं की राजस्व प्रगति रिपोर्ट बेहद खराब रही है। इस महीने सुधार नहीं होने पर सख्त कार्यवाही होगी। इस संबंध में निर्देशित कर दिया गया है।