हापुड़। जिले के देहात थाना क्षेत्र स्थित गांव दोयमी में मंगलवार देर शाम जिला प्रशासन, पुलिस और कृषि विभाग की संयुक्त टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रधानमंत्री जन उर्वरक परियोजना के तहत मिलने वाले यूरिया और डीएपी के हजारों फर्जी खाली बैग बरामद किए हैं। साथ ही कई नामचीन कंपनियों के कीटनाशक और बीजों के भी हजारों खाली पैक जब्त किए गए हैं।
बताया जा रहा है कि इन खाली बैगों में नकली उर्वरक भरकर उन्हें प्रदेश के अन्य जिलों में आपूर्ति किया जाता था। मामले के खुलासे के बाद नकली खाद के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश होने की आशंका जताई जा रही है।
सूचना के आधार पर छापा, दो मंजिला मकान सीज
जिला कृषि अधिकारी को दो दिन पहले बड़े पैमाने पर सब्सिडी वाली यूरिया की कालाबाजारी की सूचना मिली थी, जिसके बाद मामला डीएम अभिषेक पांडेय तक पहुंचा। डीएम के निर्देश पर एसडीएम सदर ईला प्रकाश, सीओ जितेंद्र शर्मा और जिला कृषि अधिकारी गौरव प्रकाश की अगुवाई में विशेष टीम का गठन किया गया।
टीम ने मंगलवार रात दोयमी गांव में बने एक दो मंजिला मकान पर छापा मारा, जहां मौके पर अली नामक व्यक्ति मिला। तलाशी में वहां करीब 10 हजार फर्जी यूरिया, डीएपी, कीटनाशक और बीजों के खाली बैग बरामद किए गए।
कई नामी कंपनियों के पैक, प्रदेशभर में आपूर्ति की आशंका
पूछताछ में अली ने बताया कि ये खाली बैग उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में भेजे जाते हैं, जहां इनमें नकली खाद भरकर किसानों को बेचा जाता है। बरामद बैगों पर बायर जैसी प्रमुख कंपनियों के नाम भी मिले हैं।
प्रशासन को आशंका है कि यह फर्जीवाड़ा बड़े नेटवर्क के तहत चलाया जा रहा था, जो लंबे समय से किसानों को नकली उर्वरक बेच रहा था।
जांच और गिरफ्तारियों की प्रक्रिया तेज
छापेमारी के बाद मकान को सीज कर दिया गया है। पुलिस का कहना है कि मामले में तहरीर मिलने के बाद मुकदमा दर्ज किया जा रहा है और संबंधित आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।
“हजारों की संख्या में सरकारी और नामी कंपनियों के खाली बैग मिले हैं। पूरे रैकेट की कड़ियां जोड़ी जा रही हैं। अन्य जिलों के अधिकारियों से पत्राचार कर नकली उर्वरकों की आपूर्ति रोकने के प्रयास किए जाएंगे।”
— गौरव प्रकाश, जिला कृषि अधिकारी
“सूचना के आधार पर की गई कार्यवाही के बाद दो मंजिला मकान को सील कर दिया गया है। पूरे नेटवर्क की जांच की जा रही है और सभी दोषियों की जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।”
— ईला प्रकाश, एसडीएम सदर
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अगले कदम: नेटवर्क की तलाश और प्रदेशभर में नजर
प्रशासन अब इस पूरे मामले की गहराई से जांच में जुट गया है। संभावना जताई जा रही है कि इस रैकेट की जड़ें प्रदेश के अन्य जिलों तक फैली हो सकती हैं। अन्य जिलों के कृषि अधिकारियों से संपर्क किया जा रहा है, ताकि नकली उर्वरक की आपूर्ति को पूरी तरह से रोका जा सके।