हापुड़। पिलखुवा कोतवाली क्षेत्र के अनवरपुर में स्थित मोनाड यूनिवर्सिटी में फर्जी मार्कशीट तैयार कर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले गैंग का खुलासा हुआ है। जिसमें यूनिवर्सिटी के चेयरमैन समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
शनिवार को लखनऊ से आई एसटीएफ की टीम ने भारी पुलिस बल के साथ मोनाड यूनिवर्सिटी में छापेमारी की। एसटीएफ की छापेमारी से यूनिवर्सिटी में हड़कंप मच गया। छापेमारी के दौरान टीम ने किसी के भी अंदर प्रवेश करने और बाहर निकलने पर रोक लगा दी। एसटीएफ की टीम ने मौके से लैपटॉप, मोबाइल फोन और अन्य दस्तावेजों को अपने कब्जे में ले लिया और जांच में जुट गई।
देर रात तक चली जांच के बाद एसटीएफ की टीम ने यूनिवर्सिटी के चेयरमैन समेत 10 लोगों को हिरासत में लें लिया और थाने लें आई। टीम ने छापेमारी के दौरान यूनिवर्सिटी से 1372 फर्जी मार्कशीट और डिग्री, 14 मोबाइल फोन, 7 लैपटॉप, 1 आईपैड, 262 फर्जी प्रोविजनल और माइग्रेशन, 26 इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और 6 लाख 54 हज़ार 800 रूपये की नगदी बरामद की है।
एसटीएफ लखनऊ निरीक्षक ओम शंकर शुक्ला की तहरीर के आधार पर मोनाड विश्वविद्यालय के कुलपति विजेंद्र सिंह उर्फ विजेंद्र सिंह हुड्डा पुत्र सुरेश पाल निवासी सिल्वर पुरी कंकरखेड़ा मेरठ, संदीप कुमार उर्फ संदीप शेरावत पुत्र विजेंद्र कुमार सिंह निवासी गांव चीरवाड़ी थाना चांद हट पलवल हरियाणा, मुकेश ठाकुर पुत्र प्रधान सिंह ठाकुर निवासी कटवारिया सराय नई दिल्ली, अनिल बत्रा पुत्र ज्ञानचंद निवासी सेक्टर 47 नोएडा सेक्टर 49 गौतम बुद्ध नगर, नितिन कुमार सिंह पुत्र यशवीर सिंह निवासी आनंद लोक रुड़की रोड कंकरखेड़ा मेरठ, गौरव शर्मा पुत्र मदन मोहन शर्मा निवासी रोशनपुर डार्ली रुड़की रोड नियर मोदीपुरम कंकरखेड़ा मेरठ, सनी कश्यप पुत्र टीटू सिंह निवासी गली नंबर 3 एसएसवी इंटर कॉलेज के पास अर्जुन नगर हापुड़, इमरान पुत्र शरीफ अहमद खान निवासी रेलवे रोड हापुड़, कुलदीप पुत्र रविंद्र सिंह निवासी गांव बलवंत नगर गुलावठी जिला बुलंदशहर और विपुल तालियां पुत्र वीरेंद्र सिंह निवासी हापुड़ को गिरफ्तार कर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच न्यायालय में पेश किया गया।
जहां से न्यायालय ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। एसटीएफ के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपी संगठित गिरोह के रूप में काम करते थे और प्रत्येक छात्र से प्रति मार्कशीट और डिग्री 50 हज़ार से 4 लाख रूपये तक वसूलते थे। टीम के मुताबिक मोनाड यूनिवर्सिटी का कुलपति विजेंद्र सिंह हुड्डा बाइक बोट घोटाले का मास्टरमाइंड भी रहा है।