शहर में झमाझम बारिश होने से कांवडियों के साथ ही हर किसी को उमस भरी गर्मी और चिलचिलाती धूप के प्रकोप से बड़े स्तर पर राहत मिली, हालांकि सडक़ों पर जल भराव होने से दिक्कत भी झेलनी पड़ीं।
आस्था का सैलाब अब सड़को पर उमड़ने लगा है। बुधवार को बारिश के बाबजूद कावड़ियों का आवागमन जारी रहा। सड़को पर बम-बम भोले की गूंज व जयघोष से वातावरण धर्ममय हो गया। कई दिनों से बारिश न पडने के कारण सावन का महीना सूखा बीत रहा था, जिससे कांवड़ भरकर ला रहे शिवभक्तों को धूप में तपती जमीन पर सैकड़ों मील की पदयात्रा करने को मजबूर होना पड़ रहा था। बुधवार की दोपहर बाद अचानक आकाश में घने बादल घिर आए और फिर करीब दो घंटों तक झमाझम बारिश होने के बाद भी बूंदाबांदी का क्रम लगातार जारी चल रहा है।
जिससे मौसम का मिजाज खुशगवार होने से कांवडियों के साथ ही हर किसी को उमस भरी गर्मी के प्रकोप से फिलहाल बड़े स्तर पर राहत मिली है। फसलों की सिंचाई को लेकर दिक्कत झेल रहे किसानों के चेहरे खिल उठे हैं, क्योंकि अगले कई दिनों तक उन्हें सिंचाई करने के झंझट से मुक्ति मिल गई है।
हालांकि दूसरी तरफ गढ़ ब्रजघाट में लोगों को पालिका परिषद की लापरवाही का खामियाजा भी भुगतने को मजबूर होना पड़ रहा है। क्योंकि गर्मी के सीजन में पालिका स्तर से सफाई का कार्य न कराए जाने के कारण बारिश होते ही नाले ओवर फ्लो होने से उनमें भरी गंदगी और कूड़ा करकट सडक़ों पर फैलने के साथ ही जगह जगह पानी भर गया। जिससे सडक़ों पर चलने में दिक्कत झेलने के साथ ही आबादी के बीच कूड़ा करकट और गंदगी फैलने से बीमारी फैलने का डर भी बढ़ गया है।