हापुड़ में होली पर केमिकल युक्त रंग और अधिक पकवान खाने से लोगों के सेहत बिगड़ गई। मंगलवार को सीएचसी की ओपीडी में 241 मरीज पेट की समस्या को लेकर पहुंचे, जबकि पानी में भीगने व अन्य कारणों से बुखार से पीड़ित 78 बच्चे भी बाल रोग विशेषज्ञों के पास आए। रंग से आंख और नाक में एलर्जी वाले मरीजों की संख्या भी अधिक रही।
सीएचसी के फिजिशियन डॉ. अशरफ अली ने बताया कि ओपीडी में दस्त, उल्टियां लगने, एसिडिटी वाले मरीजों की संख्या अधिक रही। होली पर तला भुना अधिक खाने से इस तरह की समस्या बढ़ी। इसके अलावा मौसम का बदलता मिजाज भी संक्रामक बीमारियों को बढ़ा रहा है, इनकी चपेट में आने से भी लोग बीमार पड़ रहे हैं। वहीं, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ समरेंद्र राय ने बताया कि होली पर पानी में अधिक समय तक भीगने से भी कई बच्चों को बुखार बन गया। जुकाम और खांसी भी ऐसे बच्चों में देखने को मिली। हालांकि बच्चों को सामान्य दवाएं दी गई हैं, जिससे उन्हें आराम लग रहा है।
ईएनटी डॉ. मोहिनी सिंह ने बताया कि केमिकल युक्त रंगों से कान और नाक में एलर्जी की समस्याएं वाले मरीज ओपीडी में दवा लेने पहुंचे। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अतुल आनंद ने मरीजों को ठंडे पानी से आंखों को धोने की सलाह दी है। साथ ही मरीजों को दवाएं भी दी गई हैं।
रंग बनाने के लिए अलग-अलग चीजों का इस्तेमाल होता है, जैसे केमिकल और एसिड। ये चीजें बहुत जल्दी प्रतिक्रिया करती हैं और जब ये रंग आंखों में जाते हैं, तो उनसे आंखों में बहुत तेज जलन होती है। कई बार जलन इतनी ज्यादा होती है कि आंखों को बहुत दर्द होता है। इसके अतिरिक्त, कुछ विशेष परिस्थितियों में, ये केमिकल रंग आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जो कि आंखों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए, इन रंगों का सावधानीपूर्वक उपयोग करना बहुत जरूरी है।
सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी- ने बताया की जिले के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को बेहतर उपचार मिलेगा। इसके लिए चिकित्सकों को निर्देशित कर दिया गया है, साथ ही दवाओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित करा दी गई है।