हापुड़। बारिश के बाद शहर से गांवों तक आई फ्लू फैल गया है। हर घर में मरीजों की भरमार है, अस्पतालों की ओपीडी तीन गुना तक बढ़ गई हैं। नेत्र विभाग में 80 फीसदी मरीज आई फ्लू के ही आ रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में 25 हजार आई ड्रॉप भेजी गई हैं। मेडिकल स्टोरों पर भी इन दवाओं की मांग काफी बढ़ी है।
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अतुल आनंद ने बताया कि आई फ्लू एक वायरल रोग है, जो एक से दूसरे में तेजी से फैलता है। इन दिनों आई फ्लू के केस बढ़े हैं, आंखों में जलन के साथ चेहरे पर भी सूजन बन रही है। इलाज में लापरवाही घातक साबित हो सकती है। हालांकि समय से इलाज पर पांच से सात दिन में मरीज पूरी तरह ठीक हो रहा है।
इस समय हालत यह है कि नेत्र रोग विभाग में 80 प्रतिशत आई फ्लू के मामलों की है। हर दूसरा मरीज अपने आप को आई फ्लू से परेशान बता रहा है। पिछले एक सप्ताह में नेत्र रोग विभाग में 1254 मरीज उपचार के लिए पहुंचे हैं प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी भी ऐसे मरीजों से भरी पड़ी हैं। अब गांवों में भी यह रोग देखने को मिल रहा है।
आई फ्लू में आंखों में जलन होती है। आमतौर पर यह एक एलर्जिक रिएक्शन की वजह से होता है। कई मामलों में बैक्टीरिया का संक्रमण भी इसके लिए जिम्मेदार होता है। श्वसन तंत्र या नाक-कान अथवा गले में किसी तरह के संक्रमण के कारण वायरल कंजंक्टिवाइटिस हो जाता है। संक्रमण की शुरुआत एक आंख से ही होती है, लेकिन जल्द ही दूसरी आंख भी चपेट में आ जाती है।
दिल्ली में इन दिनों तेजी से आई फ्लू यानी कंजंक्टिवाइटिस का संक्रमण फैल रहा है। यूं तो हर साल यह बीमारी फैलती है, लेकिन इस बार संक्रमण की रफ्तार तेज है। कुछ मामलों में इसका असर भी लंबे समय तक हो रहा है।
आई फ्लू संक्रमित व्यक्ति अपना टॉवेल, रूमाल, बेड शेयर न करें। संक्रमित इंसान को अलग सोना चाहिए। आंखों पर दिन में तीन से चार बार पानी के छींटे मारकर धोएं। अगर आंख लाल होने के साथ दर्द भी हो रहा है तो डॉक्टर के पास जाएं।
सीएमओ डॉ.सुनील त्यागी- का कहना है की सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध हैं। इस बीमारी को लेकर घबराए नहीं, सिर्फ सावधान रहें। दवाओं से बीमारी आसानी से ठीक हो रही है। स्कूलों में भी विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं।