हापुड़ — जिले में भीषण गर्मी के चलते पेट से संबंधित संक्रमणों में भारी इजाफा देखने को मिल रहा है। जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में ओपीडी में आने वाले हर तीसरे मरीज को पेट दर्द, अपच, गैस या दस्त जैसी समस्याएं परेशान कर रही हैं। चिकित्सकों का कहना है कि यह संक्रमण गर्मियों में बासी, तला-भुना या दूषित भोजन खाने के कारण तेजी से फैल रहा है।
सीटी स्कैन और दवाइयों की मांग बढ़ी
डॉक्टरों के मुताबिक, सीएचसी में पेट के रोगों से जुड़ी जांच जैसे कि सीटी स्कैन की संख्या में लगभग डेढ़ गुना तक बढ़ोतरी हुई है। साथ ही, पाचन से जुड़ी दवाइयों की मांग में भी उछाल आया है।
नेत्र रोगी भी बढ़े
तेज धूप और धूल के चलते आंखों में जलन, संक्रमण और एलर्जी के मरीजों की संख्या में भी वृद्धि देखी जा रही है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ. प्रदीप मित्तल ने बताया,
“गर्मी में बासी व तला-भुना भोजन जल्दी खराब हो जाता है, जिसे पचाना मुश्किल होता है। इससे गैस्ट्रोएंटेराइटिस होने का खतरा रहता है।”
सीएचसी के फिजिशियन डॉ. अशरफ अली का कहना है,
“गर्मी में प्रोटीन युक्त व भारी भोजन को पचाना मुश्किल होता है। अनियमित खानपान और गंदा पानी या दूषित भोजन पेट की बीमारियों के मुख्य कारण बनते हैं।”
बचाव के उपाय
डॉक्टरों ने सलाह दी है कि इस मौसम में ताजा, हल्का व सादा भोजन करें, अधिक पानी पिएं और बाहर के खुले खाने से परहेज करें।