हापुड़ में ऊर्जा निगम ने ऊर्जीकरण के लिए करोड़ों के बिजनेस प्लान बनाकर मंजूर करा लिए हैं, लेकिन संसाधन नहीं मिलने के कारण अधिकांश कार्य रुके पड़े हैं। महीनों से तार और खंभों की भारी किल्लत है, वहीं लाखों का एस्टीमेट जमा करने वाले उपभोक्ताओं के कनेक्शन भी नहीं हो पा रहे। महीनों से उपभोक्ता चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा।
इस समय तीसरा बिजनेस प्लान लागू कराने की तैयारी है, जिसे लेकर मार्च के दूसरे सप्ताह में बैठक प्रस्तावित है। दरअसल, घटिया तार सप्लाई पर पिछले दिनों कुछ कंपनियां ब्लैक लिस्ट कर दी गई थी। इनसे तारों की सप्लाई हापुड़ में भी थी। जिस कारण अब सप्लाई लंबे समय से रुकी पड़ी है।
आलम यह है कि बिजली निगम के स्टोर में लोहे के खंभे तक नहीं हैं। पुराने खंभों के लिए भी मारामारी है। अब लंबे इंतजार के बाद करीब 9 किलोमीटर के लिए तार मिला है। लेकिन ठेकेदारों की ही मानें तो उन्हें इसके कई गुना तार की जरूरत है। साथ ही डिपोजिट के कार्यों के लिए भी तार चाहिए। कुल मिलाकर संसाधन पूरे नहीं होने के कारण अधिकारी सिर्फ कागजों का पेट भरने में लगे हैं। आगामी गर्मियों में इस अव्यवस्था का परिणाम भुगतना पड़ सकता है।
बुलंदशहर रोड के चौड़ीकरण में लाइन की शिफ्टिंग होनी है। पीडब्ल्यूडी ने करोड़ों रुपये निगम को एस्टीमेट के रूप में दिए हैं। लेकिन तार नहीं मिल पाने के कारण शिफ्टिंग का काम करीब छह महीने बाद भी अधूरा पड़ा है। आए दिन इन क्षेत्रों की आपूर्ति बंद कर दी जाती है।
दिल्ली रोड बिजलीघर से शहरी क्षेत्र को आपूर्ति के लिए तहसील चौराहे तक नई लाइन लगाई जानी है। इसके लिए खंभे लगाए जा चुके हैं, लेकिन तार नहीं मिल पाने के कारण ऊर्जीकरण का कार्य अधर में ही लटका है। इससे पहले भी यहां अंडरग्राउंड केबल डाली गई थी, जो आज तक चालू नहीं हो सकी है। आनंद विहार बिजलीघर से दिल्ली रोड के औद्यौगिक क्षेत्र के लिए इंडस्ट्रियल फीडर बनाया जा रहा है। इसके लिए खंभे लगाए जा चुके हैं, लेकिन अब भी करीब 700 मीटर तार की जरूरत है, जिसकी आपूर्ति नहीं मिल पाने के कारण यह कार्य भी अधर में लटके हैं।
प्रतिष्ठान, शिफ्टिंग व अन्य बड़े कार्यों के लिए उपभोक्ता लाखों रुपये का एस्टीमेट जमा कर रहे हैं, लेकिन स्टोर से सामान नहीं मिल पाने के कारण डिपोजिट के 50 से अधिक कार्य अधर में लटके हैं। उपभोक्ताओं को महीनों तक कनेक्शन मिलने का इंतजार करना पड़ रहा हैं।
अधीक्षण अभियंता एसके अग्रवाल- ने बताया की ऊर्जीकरण के कार्यों के लिए सामान मिलना शुरू हो गया है। अब जल्द ही अधूरे कार्य पूरे कराए जाएंगे। आवश्यक तार और खंभों समेत सामान की मांग लगातार भेजी जा रही है।