हापुड़ के आनंद विहार आवासीय योजना में ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने बिना सर्वे के ही अस्थाई बिजली कनेक्शन स्वीकृत कर दिया। एक महीने तक उपभोक्ता को भटकाते रहे, आईजीआरएस पर शिकायत में अफसर फंसे तो चुपचाप उपभोक्ता के परिसर में मीटर लगा दिया गया। जिसको लेकर उपभोक्ता ने पुलिस से शिकायत की, जिस पर निगम की ओर से भी जांच शुरू करा दी गई है।
दरअसल, आनंद विहार आवासीय योजना में विद्युतीकरण का कार्य पूर्व में कराया जा चुका है, जिसके बाद ही एचपीडीए ने ऊर्जा निगम को इसे हैंडओवर किया। लेकिन निगम के अधिकारियों की अनदेखी से बहुत से खंभों की लाइनें उतार ली गई हैं।
उपभोक्ता भरत गुप्ता ने आनंद विहार के ई-ब्लॉक में निर्माणाधीन मकान में अस्थाई कनेक्शन के लिए दो महीने पहले आवेदन किया था। आरोप है कि एक महीने तक अधिकारी टरकाते रहे, 6 अक्तूबर को कनेक्शन स्वीकृत कर दिया गया। लेकिन न मीटर लगाया और न ही बिजली चालू की। व्यक्तिगत शिकायत पर अवर अभियंता ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया।
क्योंकि कनेक्शन देने से पहले जेई ने मौके का निरीक्षण ही नहीं किया। जिसके कारण उसे पता ही नहीं था कि जहां वह कनेक्शन स्वीकृत कर रहा है, वहां लाइन ही नहीं है। बहरहाल, राहत न मिलने पर उपभोक्ता ने आईजीआरएस पर शिकायत की। संबंधित अधिकारियों ने इन शिकायतों की खानापूर्ति करते हुए बिना उपभोक्ता से बात किए यह कहकर शिकायत निस्तारित कर दी कि उक्त स्थान पर पूर्व से ही विद्युत लाइन नहीं है।
हालांकि, गर्दन फंसती देख पहले कर्मियों ने उपभोक्ता से 200 मीटर केबल की व्यवस्था करने की बात कही। इस पर बात नहीं बनी तो कर्मियों ने सोमवार रात में ही खंभों पर खानापूर्ति कर करीब 100 मीटर तार का टुकड़ा लगा दिया। बुधवार दिन में उपभोक्ता की गैर मौजूदगी में मीटर लगाकर चले गए। सीलिंग रिपोर्ट भी परिसर में ही फेंक गए। मौके पर पहुंचे उपभोक्ता भरत गुप्ता ने पुलिस को सूचना दी और एक्सईएन को भी जानकारी दी।
अधिशासी अभियंता आरपी वर्मा- ने बताया की उपभोक्ता ने कनेक्शन के लिए आवेदन किया था। उस स्थान पर तार टूटे हुए थे, जिनके स्थान पर नए तार डालकर कनेक्शन दिया गया। उपभोक्ता की शिकायत का संज्ञान लिया जा रहा है।