जनपद हापुड़ में ऊर्जा निगम के सर्किल कार्यालय में ई-टेंडरिंग में गड़बड़ी हो रही है। चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए दो टेंडर समय से पहले ही बंद कर दिए गए, ताकि दूसरे ठेकेदार निविदाएं न डाल सकें। ठेकेदार नीरज ने इस मामले में डीएम से शिकायत कर कार्यवाही की मांग की है।
कार्यों में पारदर्शिता को लेकर भले ही अब ई-टेंडरिंग शुरू हो गई है। लेकिन कमिशन का खेल और काम की गुणवत्ता से छेड़छाड़ अभी भी जारी है। हाल ही में सर्किल कार्यालय से गढ़ डिवीजन क्षेत्र के लिए निकाले गए दो टेंडर में भारी अनियमितता मिली है। इस पर गौर करें तो एक टेंडर समय से एक घंटा पहले और दूसरा टेंडर समय से एक दिन पहले ही बंद कर दिया गया। ऊर्जा निगम के सर्किल कार्यालय में ई-टेंडरिंग में खेल हो रहा है।
चहेते ठेकेदारों को फुल कोस्ट पर टेंडर उठवाने की तैयारी थी, लेकिन कुछ ठेकेदारों ने निविदा को लेकर बैंक में शुल्क जमा करा दिया, ऐसे में अधिकारी समझ गए कि निविदाएं बढ़ सकती है। ऐसे में रेट गड़बड़ाने की आशंका के कारण ही टेंडर समय से पहले बंद किया गया है। वहीं ठेकेदार की शिकायत पर डीएम ने जांच के आदेश दिए हैं।
ऊर्जा निगम में ठेकेदारी करने वाले जानकारों ने बताया कि टेंडर की निविदा डालने से पहले निर्धारित शुल्क बैंक में जमा किया जाता है, जैसे ही यह पैसा जमा होता है। तब टेंडर छोड़ने वाले विभाग को इसका पता चल जाता है, ऐसे में किस टेंडर में कितनी निविदाएं आ गई हैं, इसका पता किया जा सकता है। यही कारण है कि आखिरी एक घंटे में अधिक टेंडर डाले जाते हैं, क्योंकि इसमें फुल कोस्ट डालने में आसानी होती है। लेकिन अधिक बिड आने से अपने चहेतों को अधिकारी फुल कोस्ट पर टेंडर नहीं दिला पाते, यही कारण है कि टेंडर को समय से पहले बंद कर दिया जाता है।
अधीक्षण अभियंता यूके सिंह- ने बताया की ई-टेंडरिंग की प्रक्रिया ऑनलाइन है, इस तरह गड़बड़ी नहीं की जा सकती है। फिर भी मामले की जांच कराएंगे। टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती जा रही है।