हापुड़। कुचेसर चौपला के पास शनिवार शाम दो सांड़ों की लड़ाई ने ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ा दीं। झगड़े के दौरान ऊर्जा निगम की हाईटेंशन लाइन के दो खंभे टूट गए, जिससे दत्तियाना फीडर से जुड़े चार गांवों — सकरपुर, दयानगर, कनिया कल्याणपुर व अन्य क्षेत्र — की 800 से अधिक नलकूपों की बिजली आपूर्ति ठप हो गई। इस घटना ने न केवल सिंचाई कार्यों को प्रभावित किया, बल्कि ऊर्जा निगम की लापरवाही पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
खंभे गिरे, फसलें संकट में
उपेड़ा बिजलीघर से जुड़े इन क्षेत्रों में सिंचाई पूरी तरह नलकूपों पर निर्भर है। बिजली गुल होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है क्योंकि खेतों में खड़ी फसलें पानी की मांग कर रही हैं। शनिवार शाम करीब पांच बजे सांड़ों की लड़ाई के कारण खंभे गिर गए, जिससे इन ग्रामीण क्षेत्रों की बिजली आपूर्ति बाधित हो गई।
जर्जर खंभों की भरमार, हादसों का डर
हापुड़ डिवीजन के शहरी और ग्रामीण इलाकों में दर्जनों खंभे जर्जर हालत में हैं, जिनके गिरने का खतरा बना रहता है। फ्रीगंज रेलवे पार्क के पास भी हाल ही में आंधी में दो खंभे टूटे थे, लेकिन उनके स्थान पर फिर से पुराने खंभे ही लगा दिए गए, जिससे खतरा अभी भी बना हुआ है।
ऊर्जा विभाग में लापरवाही के आरोप
बीते दिनों अटूट्टा क्षेत्र में 33 केवी लाइन की अवैध शिफ्टिंग के मामले में एक अवर अभियंता को निलंबित किया गया था, लेकिन प्रमुख अधिकारी बच निकलने में सफल रहे। अब एसडीओ सौरभ दीक्षित का स्थानांतरण मध्यांचल विद्युत वितरण निगम में कर दिया गया है।
ऊर्जा विभाग का जवाब
कार्यवाहक उपखंड अधिकारी उदित जायसवाल ने बताया,
“सांडों की लड़ाई में दो खंभे टूट गए थे, जिससे दत्तियाना फीडर से जुड़े गांवों की आपूर्ति बाधित हुई है। संबंधित अवर अभियंता को जल्द खंभे बदलवाने के निर्देश दिए गए हैं।”
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विशेष: लगातार हो रही अघोषित कटौती, ट्रिपिंग और जर्जर खंभों की स्थिति को लेकर ग्रामीणों और किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। ऊर्जा विभाग से शीघ्र स्थायी समाधान की मांग की जा रही है।