हापुड़ का तापमान बढ़ने के साथ ही बिजली की खपत में इजाफा हुआ है, लेकिन स्वीकृति के बावजूद हापुड़ डिवीजन के छह बिजलीघरों को क्षमता वृद्धि के लिए ट्रांसफार्मर तक नहीं मिले हैं। ऐसे में फिर बिजली संकट बनेगा, जर्जर तार और कम क्षमता के सैकड़ों संयोजन व्यवस्था में बाधा बनेंगे।
मार्च के बाद से घरों में पंखे, एसी, कूलर आदि चलने शुरू हो जाते हैं, जिसकी वजह से ट्रांसफार्मर पर लोड बढ़ जाता है। यह समस्या तापमान में इजाफा होने के साथ और विकराल रूप ले लेती है। नतीजा ट्रांसफार्मर फुंकने, केबल में फॉल्ट या फीडर में गड़बड़ी के रूप में सामने आता है। ऐसे में गर्मी में लोगों को निर्बाध रूप से बिजली मिले, इसके लिए पिछले साल गर्मियों में बिजली संकट से सबक लेते हुए अधिकारियों ने इस बार छह बिजलीघरों की क्षमता वृद्धि को मंजूरी दिलाई।
अक्तूबर के बाद से सर्दियों के महीनों में बिजली की मांग कम रही, जिस कारण पुराने संसाधनों पर ही सप्लाई दी गई। बिजनेस प्लान में इन बिजलीघरों की क्षमता वृद्धि को दो महीने पहले स्वीकृति मिल चुकी है, लेकिन इसका कोई लाभ नहीं हुआ, अब अप्रैल महीना शुरू हो गया है, तापमान में भी इजाफा हो रहा है। लेकिन स्वीकृति के बावजूद छह बिजलीघरों में किसी की भी क्षमता वृद्धि नहीं हो सकी है।
दिल्ली रोड के दोनों बिजलीघर इसमें महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इनसे सबसे अधिक उपभोक्ता जुड़े हैं। पिछले साल हंगामा भी इन्हीं बिजलीघरों पर सबसे अधिक हुआ था। लेकिन अधिकारी यहां के लिए स्वीकृत ट्रांसफार्मर की व्यवस्था नहीं करा पाए हैं। ऐसे में बिजली संकट होना लाजमी है।
उधर, शासन से लापरवाही के चलते संयोजन फुंकने पर भी अधिकारियों को कार्यवाही के लिए सचेत कर दिया है। बता दें कि इस महीने बिजली की खपत करीब दस फीसदी बढ़ गई है।
अधीक्षण अभियंता एसके अग्रवाल- ने बताया की बिजलीघरों की क्षमता वृद्धि को मंजूरी मिली है, इनके लिए स्वीकृत ट्रांसफार्मरों को लेकर लगातार पत्राचार किया जा रहा है। गर्मियों में उपभोक्ताओं को परेशानी न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है।