जनपद हापुड़ में सूरज की तपिश बढ़ने के साथ मौसम एक बार फिर से गर्म होने लगा है। अब गर्मी बढ़ेगी तो लोगों का गला भी सूखेगा। ऐसे में फ्रीज का पानी लोगों को बीमार कर रहा है। बीमारी से बचने के लिए। ठंडा पानी के लिए मिट्टी के आकर्षक मटके और बोतलों की डिमांड बढ़ गई है।
पिछले कई दिनों से मौसम के तेवर बदलते दिखाई दे रहे हैं। कभी बारिश के बाद तेज हवाओं से ठंडक का एहसास होने लगता है तो कभी तेज धूप के कारण गर्मी से लोगों का बुरा हाल हो रहा है। गर्मी बढने के साथ ही लोगों की प्यास भी बढने लगी है, प्यास बुझाने के लिए फ्रिज के ठंडे पानी का सहारा लेना पड़ रहा है लेकिन बदलते मौसम के साथ ठंडा पानी लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहा है।
ऐसे में लोग बीमारी से बचने के लिए मिट्टी के मटके, बोतल, जग को तराजीह दे रहे हैं। गर्मी का मौसम शुरु होते ही लोगों को ठंडे पानी के लिए मटकों की जरुरत महसूस होने लगी है। भीषण गर्मी के कारण मटके का पानी पीना लोग ज्यादा पसंद कर रहे है। शीतल जल की चाह में अब भी अधिकांश लोग परंपरागत देशी फ्रिज यानी मटके का ही पानी पीना पंसद कर रहे। बाजार में इन दिनों इस बार मिट्टी से बनी बोतल खूब बिक रही है।
प्लास्टिक, तांबे की बोतलों के बाद अब लोग मिट्टी की बोतल का उपयोग भी करने लगे हैं। लोग प्लास्टिक की जगह मिट्टी की बोतल को तरजीह दे रहे हैं।
अब कार, आटो, बस में भी इस बोतल ने जगह बना ली है। लोग सफर में मिट्टी की बोतलों में पानी भरकर ले जा रहे है। ताकि शीतल जल से गला तर करते रहे। मिट्टी से बनी बोतल में घंटो तक पानी ठंडा रहता है।
तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। सूरज लगातार तपन दे रहा है। भीषण गर्मी बढ़ते ही बाजारों में मिट्टी के बर्तनों की भी डिमांड बढ़ गई है। क्योंकि ये सभी पानी को ठंडा भी रखते हैं और बीमारी से बचाव कर रहे हैं। यह सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं।
रंग बिरेंगे मिट्टी के बर्तन लोगों को आर्कषित कर रहे हैं। मिट्टी के बर्तन विक्रेता ओमवती ने बताया कि मटकों और बोतल में पानी ठंडा तो रहता ही है साथ ही प्लास्टिक की बोतल से बेहतर है। विभिन्न आकार व साइज के बर्तन उपलब्ध है, जिनकी कीमती 100 से लेकर 350 रुपये तक है। मटके के साथ मिट्टी की बोतल की भी डिमांड है, जिसकी कीमत 150 रुपये है।