जनपद हापुड़ में प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना सरकारी अस्पतालों में दम तोड़ रही है। चार साल में जिला अस्पताल समेत पैनल में शामिल तीन सीएचसी ने सिर्फ 104 मरीजों को ही उपचार दिया है। वहीं, पैनल में शामिल 15 प्राइवेट अस्पताल अब तक 17474 मरीजों को उपचार दे चुके हैं।
साल 2018 में प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना शुरू हुई थी। इस योजना में हापुड़ जिले के 2.52 लाख पात्र शामिल किए गए थे। जिसमें करीब 75 हजार के अब तक गोल्डन कार्ड नहीं बने हैं। योजना में शामिल पात्रों को पांच लाख तक का निशुल्क उपचार दिलाने का प्रावधान है। हापुड़ जिले के अंदर 15 प्राइवेट अस्पताल और जिला अस्पताल समेत तीन सीएचसी भी पैनल में हैं।
पैनल में शामिल 15 प्राइवेट अस्पताल अब तक 17474 मरीजों को उपचार दे चुके हैं। इनके इलाज में खर्च 30 करोड़ का क्लेम भी अस्पतालों ने कर दिया है। ये आंकड़े स्वास्थ्य विभाग की सेवाओं पर सवाल खड़ा करते हैं। 33 करोड़ के जिला अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की फौज है। सीएचसी हापुड़ में सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, एक्सरे और विशेषज्ञ चिकित्सक मौजूद हैं। लेकिन दोनों ही अस्पताल में सिर्फ 47 मरीजों को उपचार दिया है। इनसे अधिक गढ़ सीएचसी ने मरीजों को उपचार दिया है।
33 करोड़ का जिला अस्पताल अब तक इस योजना में सिर्फ 21 मरीजों को ही उपचार दे सका है, जबकि इसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों की लंबी फौज है। सबसे अधिक ओपीडी और मशीनों वाले गढ़ रोड सीएचसी में भी अब तक 26 मरीजों को ही उपचार दिया गया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी अस्पताल मरीजों के उपचार को लेकर कितने सजग हैं।
हापुड़ सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी- ने बताया की सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। आयुष्मान के पैनल में शामिल अस्पतालों में मरीजों को बेहतर उपचार दिया जा रहा है। अधीक्षकों को इस संबंध में निर्देशित किया जाएगा। योजना में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।