जनपद हापुड़ में भीषण गर्मी के बीच डायरिया भी बच्चों को अपनी चपेट में ले रहा है। सरकारी और निजी अस्पतालों में डायरिया के मरीज ज्यादा हैं। इसके अलावा टायफाइड, वायरल बुखार, नजला, जुकाम व खांसी के मरीज भी आ रहे हैं, लेकिन इनकी संख्या कम है।
चिकित्सकों का कहना है कि गर्मी के मौसम में बिगड़े खानपान के कारण लोग डायरिया के शिकार होते हैं। बरसात की उमस भरी गर्मी में डायरिया ने नन्हें-मुन्ने बच्चों को गिरफ्त में लेना शुरु कर दिया है। इसका ध्यान रखने की जरूरत है। इन दिनों भयंकर उमस का प्रकोप है।
गर्मी का असर वैसे तो हर आयु के लोगों पर पड़ रहा है, लेकिन बच्चे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। सरकारी व निजी अस्पतालों में बीमार बच्चों की भीड़ है। सबसे ज्यादा डायरिया बच्चों को चपेट में ले रहा है। गर्मी के मौसम में बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. समरेंद्र राय ने बताया कि गर्मी के कारण बच्चों में डायरिया सबसे ज्यादा है। ओपीडी में 120 बच्चे आए, जिसमे 30 में डायरिया मिला।
70 प्रतिशत बीमार बच्चे डायरिया से पीड़ित है। बाकी 30 प्रतिशत बच्चे वायरल से पीड़ित आ रहे हैं।
पानी की कमी होने पर बच्चों को भर्ती करना पड़ रहा है। बीमारियों से बचाव के लिए खानपान पर ध्यान देने की जरूरत है। ताजा बने भोजन का सेवन करें और साफ-सफाई का खास ध्यान रखें।
सीएचसी के अधीक्षक डॉ. दिनेश खत्री ने बताया कि मंगलवार को अस्पताल में 1032 मरीज आए। जिसमें 52 लोग डायरिया से पीड़ित मिले हैं। इसमें 30 बच्चे शामिल थे। इसके अलावा बाल रोग विशेषज्ञ की ओपीडी में 120 से अधिक बीमार बच्चे पहुंचे।