हापुड़ के वृहद गो संरक्षण केंद्रों के निर्माण के लिए निकाली गई टेंडर प्रक्रिया तकनीकी कारणों के कारण इस बार भी पूरी नहीं हो सकी है। इसके कारण गांवों में खुले में घूम रहे गोवंश किसानों पर हमले कर देते हैं। तीन स्थानों पर केंद्रों के निर्माण के लिए 3.67 करोड़ रुपये के टेंडर निकाले गए थे, इससे करीब 1200 निराश्रित गोवंशों को आश्रय मिलना है।
गांवों में गोवंश खुले में घूम रहे है। फसलों और किसानों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। पिछले दिनों भी गांव अच्छेजा व श्यामनगर में सांड़ों के हमले में किसान घायल हो गए थे। इन दोनों गांवों से ही करीब 18 सांड़ पकड़े गए थे। निराश्रित गोवंशों से राहत के लिए जिले में गो संरक्षण केंद्रों का निर्माण कराया जाना है। इनके लिए टेंडर प्रक्रिया लगातार तकनीकी कारणों के कारण बार-बार रद्द हो रही है।
यह संरक्षण केंद्र गढ़मुक्तेश्वर के गांव हिम्मतपुर में 1.22 करोड़, गांव हिंडालपुर में 1.22 करोड़ और धौलाना तहसील क्षेत्र के गांव पारपा में 1.22 करोड़ से बनने हैं, जिनमें करीब 1200 गोवंशों को संरक्षण दिया जाना है। अभी जिले में सरकारी स्तर पर 36 गोशालाएं संचालित हैं, इनमें करीब 3750 गोवंश संरक्षित हैं।
सीवीओ डॉ. ओमप्रकाश का कहना है कि तीन वृहद गो संरक्षण केंद्रों के निर्माण के लिए टेंडर निकाले थे, लेकिन अभी तकनीकी कारणों के कारण प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है।