सावन मास की कांवड़ यात्रा के ऐन मौके पर अति व्यस्तम दिल्ली लखनऊ नेशनल हाईवे किनारे सडक़ धंसने से गंगा पुल से महज कुछ ही मीटर की दूरी गहरा गड्डा होने से कांवड़ यात्रा के दौरान बड़ी अनहोनी घटना का खतरा मंडरा रहा है, परंतु एनएचएआई फिलहाल कोई भी सुध लेने को तैयार नहीं है।
मुक्ति धाम के रूप में विख्यात ब्रजघाट तीर्थनगरी में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं का आगमन होता है, जिनमें बस और ट्रेनों से आने वाले अधिकांश श्रद्धालु नेशनल हाईवे को पार करते हुए गंगा पुल के पास वाले रास्ते से होकर आरती प्लेट फार्म समेत गंगा किनारे अनुष्ठान करने आते जाते हैं। झमाझम बारिश का दौर चलने से गंगा आरती स्थल को जाने वाले रास्ते के पास नेशनल हाईवे किनारे सडक़ का कुछ हिस्सा नीचे धंस गया है, जहां गंगा पुल से महज कुछ ही मीटर की दूरी पर कई फिट गहरा गड्डा हो गया है।
आरती स्थल को जाने वाले रास्ते के पास सडक़ धंसने और गहरा गड्डा होने से अनहोनी का खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि सावन मास की कांवड़ यात्रा के दौरान इसी रास्ते से होकर लाखों शिवभक्तों का दिन रात ब्रजघाट तीर्थनगरी में आगमन चलेगा। इसके अलावा भी रोजमर्रा में आने वाले महिला बच्चों समेत सैकड़ों श्रद्धालुओं का इसी रास्ते से होकर तीर्थनगरी में आवागमन होता है। इसके अलावा भी सडक़ धंसने और गहरा गड्डा होने से शुक्रवार की दोपहर में हुई बारिश का पानी आरती स्थल के मंदिर समेत उससे जुड़े कक्ष में भरने से पुजारी समेत वहां मौजूद श्रद्धालुओं को इधर उधर भागने को मजबूर होना पड़ गया।
पूर्व जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता सीएस यादव, पूर्व बार सचिव मनोज गोयल, व्यापार मंडल जिलाध्यक्ष जितेंद्र गोयल, किसान नेता मूलचंद यादव का कहना है कि कांवड़ यात्रा के दौरान नेशनल हाईवे किनारे सडक़ धंसने के कारण गंगा पुल से महज कुछ ही मीटर की दूरी पर गहरा गड्डा होना बेहद गंभीर मामला है। गंगा भक्तों के साथ ही शिवभक्तों से भी सीधे तौर पर खिलवाड़ हो रहा है। ब्रजघाट टोल प्लाजा से एनएचएआई को प्रतिदिन पचास लाख से भी अधिक की आय हो रही है, परंतु एनएचएआई फिलहाल कोई भी सुध लेने को तैयार नहीं है। इस संबंध में एनएचएआई पीडी से वार्ता का भरसक प्रयास किय गया, परंतु उन्होंने कॉल रिसीव करना भी मुनासिब नहीं समझा।