हापुड़ /गाजियाबाद। पुलिस ने ठगी का एक बड़ा खुलासा किया है। मेरठ के लोहियानगर के रहने वाले आयुर्वेद के चिकित्सक डॉ. मोहतरम को पांच महीने पहले हुई शादी में मिला दहेज कम लगा तो उसने साजिश रचकर अपने दो सालों के साथ साढ़े आठ लाख की ठगी कर डाली। इसमें उसके साथ तीन सिपाही, एक हिस्ट्रीशीटर और खुद को सपा का नेता बताने वाले शख्स समेत आठ लोग शामिल रहे। पुलिस ने मोहतरम और तीनों सिपाहियों समेत छह को गिरफ्तार कर लिया है। ठगी गई रकम में से 4.36 लाख रुपये और वारदात में इस्तेमाल कार बरामद हो गई है।
डीसीपी देहात सुरेंद्र नाथ तिवारी ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों में डॉ. मोहतरम, उसका पिता मोहम्मद आरिफ, उसका दोस्त किठौर निवासी नदीम और तीन मुख्य आरक्षी (एचसीपी) अनिल कुमार, सचिन कुमार और संजय कुमार हैं। राशिद और आशु फरार हैं। मोहतरम ने पुलिस पूछताछ में पूरी साजिश की जानकारी दी है।
उसने बताया है कि उसकी शादी पांच महीने पहले इंदिरापुरम निवासी शादाब और मेहराज की बहन से हुई। दहेज में 10 लाख रुपये मिलने तय हुआ था लेकिन ससुरालियों ने सिर्फ चार लाख ही दिए। उसे लगा कि छह लाख का घाटा हो गया है। इसकी भरपाई करनी है। उसे अपने नर्सिंग होम के लिए वेंटीलेटर भी खरीदने थे। इसलिए, उसने सालों से ठगी करके दहेज की रकम की भरपाई करने के लिए धोखाधड़ी की साजिश रची।
उसने यह साजिश अपने दोस्त नदीम, राशिद, आशु और पिता आरिफ को बताई। नदीम ने सिपाही अनिल कुमार को साजिश में शामिल किया। अनिल ने सिपाही सचिन और संजय को बुलाया। तय हुआ था कि आठ से दस लाख की ठगी की जाएगी। मामला संदिग्ध लगने पर पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो शादाब ने करेंसी बदलने की बात बताई। उसकी कॉल डिटेल और लोकेशन चेक की गई तो अन्य आरोपियों के नाम सामने आ गए। इसके आधार पर डॉ. मोहतरम से पूछताछ हुई तो उसने पूरी साजिश का खुलासा कर दिया। उसने बताया कि उसके हिस्से में से साढ़े चार लाख , तीनों पुलिसकर्मी व नदीम के हिस्से में एक लाख और बाकी तीन लाख राशिद व आशु के हिस्से में देना तय हुआ था।