हापुड़ में चुनावी साल में गन्ने पर 20 रुपये दाम बढ़ने से हापुड़ की चीनी मिलों पर 342 करोड़ की देनदारी खड़ी हो गई है। इस सत्र में दोनों चीनी मिल 92.57 लाख क्विंटल गन्ने की खरीद कर चुके हैं, जबकि भुगतान सिर्फ 7.59 करोड़ का किया है। किसानों ने सरकार की इस दाम वृद्धि को नाकाफी बताया है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत हापुड़ के किसान मुख्यत गन्ने की फसल पर ही निर्भर हैं। इस साल उम्मीद थी कि सरकार गन्ने का दाम करीब 400 रुपये क्विंटल घोषित करेगी। क्योंकि मजदूरी, बिजली, पानी, कीटनाशक और खाद सभी के दाम बढ़े हैं। लेकिन बढ़ोतरी प्रति किलो महज 20 पैसे की ही हो सकी है। इसके साथ ही दोनों चीनी मिलों पर किसानों की करीब 342 करोड़ की देनदारी हो गई है।
इस बार क्रेशरों पर गन्ना 360 से 370 रुपये प्रति क्विंटल खरीदा जा रहा है। जहां किसानों को नकद में भुगतान मिल रहा है और पर्चियां आने इंतजार भी नहीं करना पड़ रहा।
जबकि किसानों से यह मिल 63.70 लाख क्विंटल और ब्रजनाथपुर मिल 29.25 लाख क्विंटल गन्ने की खरीद कर चुका है। ब्रजनाथपुर मिल ने भी इस सत्र का महज 7.59 करोड़ का ही भुगतान किया है। नए सत्र की चीनी से पिछले सत्र का करीब 90 करोड़ भुगतान चुकाया गया है, ऐसे में किसानों को इस सत्र के भुगतान के लिए फिर सालभर का इंतजार करना पड़ सकता है।