हापुड़ जिले में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ पाने से फिलहाल बड़ी संख्या में महिलाएं वंचित हैं। जिले की गर्भवती/प्रसूताओं के लिए सात साल से चल रही प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना अब दो विभागों के बीच फंस गई है। स्वास्थ्य विभाग से योजना छिन जाने के बाद यह बाल विकास विभाग को सौंप दी गई है। लेकिन आठ महीने बीत जाने के बाद भी न तो पंजीकरण शुरू हो सके हैं और न ही किसी पात्र को लाभ मिल पाया है। इससे पात्र महिलाएं परेशान हैं। जिले की 10 हजार पात्र योजना से वंचित है।
वर्ष 2017 में शुरू हुई प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना मार्च 2024 तक स्वास्थ्य विभाग से संचालित होती रही। आशा व एएनएम के माध्यम से लाभार्थियों को चिह्नित कर उन्हें प्रोत्साहन राशि दी जाती थी। पहले बच्चे के जन्म में गर्भ के दौरान मां को तीन हजार रुपये व टीकाकरण पूरा होने पर 2000 रुपये देने का नियम है। ताकि गर्भवती महिलाएं समय-समय पर जांच कराने के साथ ही पौष्टिक आहार ले सकें। वहीं दूसरे बच्चे में बालिका का जन्म होने पर मां को एक मुश्त 6000 रुपये दिए जाते हैं।
शासन से अप्रैल में यह योजना स्वास्थ्य विभाग से महिला कल्याण विभाग तथा बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग को हस्तांतरित कर दी गई। स्वास्थ्य विभाग से जिम्मेदारी हटने के बाद आशा व एएनएम ने योजना में काम करना बंद कर दिया। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई। वहां, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मैपिंग का कार्य अभी तक पूरा न होने से योजना का क्रियान्वयन नहीं हो सका। मातृ वंदना योजना के दो विभागों में फंसने से समस्या गहराई है। जिस कारण जिले की 10 हजार पात्र योजना का लाभ लेने से वंचित रह गई हैं।
सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी- ने बताया की प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना अब बाल विकास विभाग के अधीन हो गई है। जब तक स्वास्थ्य विभाग के पास योजना रही पात्रों को लाभ दिलाया गया। अब योजना विभाग से संचलित नहीं है।