हापुड़ में पिछले तीन दिन से तेज हवा के बावजूद वातावरण में छाये कोहरे ने जिले की हवा बिगाड़ दी है। जिले में प्रदूषण एक बार फिर तेजी से बढ़कर रेड जोन में पहुंच गया है। सोमवार को दिनभर धुंध छाई रही। जिले का एक्यूआई 268 से बढ़कर 348 तक पहुंच गया। इसके कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ा। घर से बाहर निकलने पर लोगों को आंखों में जलन भी महसूस हुई। ठंड और गलन के बीच आने वाले दिनों में हालात और गंभीर होने की संभावना जताई है।
सोमवार को सुबह से ही वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 325 तक पहुंच गया। दोपहर बाद तक यह 348 पार कर गया। पिछले दो दिन से हवा चलने के बावजूद इसमें बढ़ोत्तरी हो रही थी। सोमवार को हवा की रफ्तार जैसे ही रुकी प्रदूषण का स्तर भी तेजी से बढ़ा। हवा थमते ही प्रदूषण लाल श्रेणी में पहुंच गया। प्रदूषण की एक बार फिर गंभीर होती स्थिति से लोगों की सेहत भी खराब होने लगी है।
खतरनाक हुई हवा में सांस लेना भी लोगों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ रहा है। सुबह ओपीडी में सांस लेने में तकलीफ के मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी भी दर्ज की गई। ज्यादातर बच्चे और बुजुर्ग हैं। अनेक लोग आंखों में जलन, खांसी, नाक और गले में इंफेक्शन की समस्या से भी पीड़ित पहुंचे। इसके अलावा घरों में मौजूद बुजुर्गों और बच्चों में सांस लेने की समस्या रही।
मौसम विज्ञानी डॉ. अशोक कुमार का कहना है कि सोमवार को अधिकतम तापमान 17 व न्यूनतम 10 डिग्री दर्ज किया गया। चार दिन बाद एक बार फिर मौसम में बदलाव की आशंका है। इससे बूंदाबांदी के आसार नजर आ रहे हैं।
आंखों में जलन और सांस रोगियों को एक बार फिर दिक्कत महसूस हुई। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अतुल आनंद ने बताया प्रदूषण के कारण आंखों में जलन की शिकायत बढ़ी है। यही मौसम रहा तो इस प्रकार के रोगियों में और परेशानी बढ़ेगी। चिकित्सक का कहना है कि वर्तमान में हालात काफी खतरनाक है। खासकर सुबह शाम टहलने निकलने वाले लोगों को अधिक परेशानी होगी। ऐसे में घरों में ही रहें और खुले वातावरण में न जाएं। बच्चों को भी इस मौसम में घरों में रखें।
एडीएम संदीप सिंह- ने बताया की प्रदूषण के बढ़ते स्तर को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन द्वारा सख्त कदम उठाए जाएंगे। संबंधित विभागों को कार्यवाही के लिए निर्देशित किया जा चुका है। जल्द ही हालात सामान्य हो जाएंगे।