जनपद हापुड़ में औषधि विभाग ने मेरठ रोड स्थित ट्रांसपोर्ट कंपनी और दो वितरकों के यहां छापा मारा। यहां से फेंसिडिल सिरप की बड़ी खेप के रूप में 152 पेटियां बरामद की गई। दवाओं और अभिलेखों को कब्जे में लेकर जांच की जा रही है।
औषधि विभाग की टीम को जानकारी मिली कि कोडिनयुक्त खांसी के सिरप फेंसिडिल का अत्यधिक मात्रा में स्टॉक किया गया है। इस सूचना पर औषधि विभाग के मेरठ मंडल के असिस्टेंट कमिश्नर अरविंद कुमार गुप्ता, औषधि निरीक्षक मेरठ मंडल गौरव लोधी, औषधि निरीक्षक बुलंदशहर अनिल आनंद, औषधि निरीक्षक हापुड़ उर्मिला अग्रवाल मंगलवार रात मेरठ रोड स्थित फ्लाईओवर के नीचे स्थित एनएएस ट्रांसपोर्ट कंपनी पर पहुंच छापा मारा। जहां बड़ी मात्रा में खांसी के सिरप की 152 पेटियां रखी हुई मिली। खांसी में प्रयोग आने वाली इस दवाई को नशे के रूप में इस्तेमाल को देखते हुए टीम क्रय- विक्रय के बिलों की जांच कर रही है। टीम ने यहां मिले दस्तावेजों के आधार पर जिले के दो अन्य वितरकों के यहां छापा मारकर स्टॉक चैक किया।
जिस सीरप की खेप यहां बरामद की गई है। उसकी हापुड़ में इतनी अधिक खपत नहीं है। लेकिन बाहर के कुछ देशों में इसकी भारी डिमांड है। जब्त किए गए दस्तावेज और बिलों में अभी तक की जांच में यह सामने आया है कि हापुड़ से ये दवाइयां विभिन्न प्रदेशों के 12 जिलों को भेजी गई हैं। यहां से इसे कहां भेजा गया, इसकी जांच की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि दूसरी देशों में इस सिरप की मांग इसलिए हैं कि इसको पीने से नशा हो जाता है क्योंकि इसमें कोडिन की मात्रा अधिक है। नशा करने वाले इसका इस्तेमाल करते हैं। भारत में यह दवा चिकित्सक के पर्चे पर बिल के साथ बिक्री की जाती है। जिसका रिकार्ड रखना भी आवश्यक होता है।
बताया जाता है कि इस धंधे से जुड़े कुछ लोग फेंसिडिल सिरप को सांठगांठ कर अलग जिलों और राज्यों में बिक्री कर देते हैं। पिछले दिनों बुलंदशहर, आगरा आदि जनपदों में इस मामले का पर्दाफाश हुआ था।
मेरठ मंडल असिस्टेंट कमिश्नर अरविंद कुमार गुप्ता- ने बताया की फेंसिडिल सिरप का स्टॉक अधिक होने की जानकारी शासन के वरिष्ठ अधिकारियों से मिली थी। जिसके बाद यह कार्यवाही की गई। दवाओं के नमूनों को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाएगा। वहां से रिपोर्ट आने पर आगामी कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा दुकानदारों के अभिलेखों की जांच की जा रही है।