हापुड़। 2023 में गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए प्रशासन ने 6 महीने में गंगा किनारे स्थित सभी गांवों से निकलने वाले नालों को बंद करने का प्लान तैयार कर लिया है।
गंगा किनारे स्थित 15 गांव में एक तालाब का पानी नहर जैसा साफ दिखाई देगा। तालाब की रि-माडलिग का काम होगा और इसका उद्देश्य जल संरक्षण के साथ पशुओं के लिए स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने का है। गंगा किनारे स्थित 15 गांवों के तालाबों के लिए वृहद प्लान जिला पंचायत राज विभाग द्वारा बना लिया गया है।
तालाब में यदि पूर्व में गंदा पानी आ रहा है तो उसे दूसरी जगह बदला जाएगा। चयनित तालाब में गांव के घरों के गंदे पानी को नहीं डाला जा सकेगा या तालाब के साथ अन्य जगह पर वाटर ट्रीटमेंट के फार्मूले को अपनाया जाएगा। उसके बाद ही इसमें पानी डाला जा सकेगा। जो तालाब चुना जाएगा उसमें गांव के पशु पानी पी पाएंगे और इसके लिए तालाब के बाहरी छोर की इंट्री भी पशुओं के अनुसार रास्ता बनाकर की जाएगी।
सीडीओ प्रेरणा सिंह ने बताया कि 6 महीने के अंदर गंगा किनारे बसे सभी गांवों से जाने वाले गंदे पानी के नाले बंद करा दिए जाएंगे। गांव के तालाब में ही पानी को संरक्षण किया जाएगा। पानी को कामयाब करने के लिए वाटर ट्रीटमेंट के तरीके भी अपनाए जाएंगे। 6 महीने में गंगा को गांवों के पानी से मुक्त कर दिया जाएगा। हापुड़ के 15 गांवों में तालाब तैयार कराए जा रहे हैं।