जनपद हापुड़ में रोशनी के पर्व दीपावली को एहतियात के साथ मनाएं। अक्सर आतिशबाजी करते समय ऐसा होता है कि लोग पटाखे से जल जाते हैं तो उस पर बर्फ नहीं लगाना चाहिए। पटाखों से जलने पर हाथ या पैर जल जाता है तो थोड़ी देर ठंडे पानी में डालकर रख दें। उसके बाद डॉक्टर को दिखा लें।
इस बार दिवाली पर पटाखे छोड़ने पर प्रतिबंध लगा हुआ है। लेकिन इसके बावजूद कुछ लोग बाज नहीं आएंगे। चर्म रोग विशेषज्ञ डा. अमरजीत सिंह का कहना है कि पटाखों के जलने पर कभी भी बर्फ नहीं लगानी चाहिए। पटाखे के घाव पर बर्फ लगाने से ब्लड क्लॉट हो जाता है। जो परेशानी को और बढ़ा देगा।पटाखों से जलने के बाद ओरआरएस का घोल देना चाहिए। पानी इसलिए नहीं देते क्योंकि सांस की नली में पानी फंस जाता है। अगर पटाखे से जलने के बाद कपड़ा त्वचा के साथ चिपक जाए तो जल्द से जल्द घायल को डॉक्टर के पास ले जाएं।
दीवाली के शोर शराबे से हृदय और सांस रोगी खुद को बचाकर रखें। फिजिशियन डॉ. प्रदीप मित्तल ने बताया कि आतिशबाजी कमजोर दिल वालों पर बड़ा खतरा बन सकते हैं। आतिशबाजी से निकला धुआं नागरिकों की सेहत को तो नुकसान पहुंचाता ही है, साथ ही पर्यावरण को भी दूषित करता है।