जनपद हापुड़ के जिला अस्पताल में सिजेरियन प्रसव के बाद रक्तस्त्राव और किडनी फेल होने से पीड़िता की हालत में कोई सुधार नहीं है। एम्स में महिला की डायलिसिस भी करानी पड़ रही है। आठ हजार रुपये लेकर प्रसव कराने के मामले का संज्ञान डीएम ने भी लिया है। सीएमएस ने जांच टीम गठित कर दो दिन में रिपोर्ट मांगी है।
मजीदपुरा निवासी गर्भवती इलमा के पति सुहैल ने आरोप लगाया था कि जिला अस्पताल में उनसे आठ हजार रुपये लेकर प्राइवेट चिकित्सक से उसकी पत्नी का सिजेरियन प्रसव कराया गया। लेकिन रात में इलमा की हालत बिगड़ने लगी, ऑपरेशन के बाद रक्तस्त्राव नहीं रुका, रक्तस्त्राव बढ़ता गया। साथ ही पेशाब का भी बंद लग गया। स्टाफ को बताया तो रक्तस्त्राव नहीं रुकने पर इलाज देने के बजाए इलमा को रेफर कर दिया।
सुहैल ने बताया कि इलमा की हालत में कोई सुधार नहीं है, अस्पताल में 17 दिन से इलाज चल रहा है। उधर, मामले का संज्ञान लेकर जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. प्रदीप मित्तल ने डॉ.केपी सिंह के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित कर दी है। इसमें जिला अस्पताल के चिकित्सकों को ही शामिल किया गया है, जो दो दिन के अंदर इस प्रकरण से जुड़ी रिपोर्ट सीएमएस को सौंपेंगे।
बता दें कि अस्पताल परिसर में सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं, जिससे स्पष्ट हो सकता है कि बाहर से चिकित्सक आएं है या नहीं, बहरहाल, जांच टीम इसकी निगरानी करेगी। वहीं, नवजात बच्चे की हालत में अब पहले से सुधार बताया जा रहा है।
सीएमएस डॉ. प्रदीप मित्तल- ने बताया की इस प्रकरण में जांच टीम गठित कर दी गई है। दो दिन के अंदर टीम जांच कर, रिपोर्ट देगी। इस प्रकरण में जो भी दोषी मिलेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।