जमीन में नाम चढ़ाने के एवज में मांगे थे पैसे, डीएम ने बुजुर्ग फरियादी को साथ लेकर विभाग में मचाया हड़कंप
हापुड़ – डीएम अभिषेक पांडे की सख्ती एक बार फिर चर्चा में है। मंगलवार को जनसुनवाई के दौरान एक बुजुर्ग फरियादी ने जब जमीन में नाम चढ़ाने के लिए रिश्वत मांगे जाने और देने की शिकायत की, तो जिलाधिकारी ने तत्काल कार्यवाही करते हुए कुर्सी छोड़ी और खुद फरियादी को साथ लेकर संबंधित विभाग जा पहुंचे। डीएम की अचानक मौजूदगी से अफसरों व कर्मचारियों में हड़कंप मच गया।
ग्रामवासी हरिओम, उम्र लगभग 70 वर्ष, जिलाधिकारी की जनसुनवाई में पहुंचे थे। उन्होंने डीएम से शिकायत की कि वह कई दिनों से अपनी जमीन में नाम चढ़वाने के लिए विभाग के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। आरोप लगाया कि एक व्यक्ति ने नाम चढ़वाने के एवज में 1000 रुपये रिश्वत के रूप में ले लिए, लेकिन फिर भी काम नहीं किया गया। लगातार टालमटोल की जा रही है।
शिकायत पर डीएम ने दिखाई तत्परता
शिकायत सुनते ही डीएम अभिषेक पांडे ने बिना समय गंवाए हरिओम को साथ लिया और सीधे संबंधित विभाग पहुंच गए। वहां पहुंचकर उन्होंने कहा, “बाबा, देखिए किसने आपसे पैसे लिए हैं।” लेकिन फरियादी द्वारा पहचाने जाने के बावजूद रिश्वत लेने वाला व्यक्ति वहां नहीं मिला। जांच में सामने आया कि पैसा लेने वाला विभाग का कर्मचारी नहीं, बल्कि कोई बाहरी व्यक्ति था जो खुद को कर्मचारी बताकर लोगों से पैसे वसूलता है।
डीएम की साफ चेतावनी, तुरंत करें समाधान
डीएम ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए निर्देश दिए कि बुजुर्ग फरियादी की समस्या का तत्काल समाधान किया जाए और रिश्वतखोर की पहचान कर उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए। डीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि इस तरह की गतिविधियों को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
समस्या का तत्काल निस्तारण
डीएम के निर्देश मिलते ही विभागीय अधिकारी हरकत में आए और बुजुर्ग हरिओम की जमीन संबंधी समस्या का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया। साथ ही, उक्त प्रकरण की जांच के लिए टीम गठित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
जनता में बना विश्वास
डीएम की त्वरित कार्यवाही से आम जनता में प्रशासन के प्रति विश्वास और मजबूत हुआ है। जनसुनवाई में मौजूद लोगों ने भी डीएम की सक्रियता की प्रशंसा की और कहा कि अब अधिकारी समस्याएं सुन ही नहीं रहे, उन्हें मौके पर सुलझा भी रहे हैं।