वांछित मामलों में 200 से अधिक लोगों को जिला प्रशासन ने किया जिला बदर
जनपद हापुड़ में गोहत्या, अवैध शराब का धंधा करने वाले, छेड़छाड़, लूट, डकैती आदि मामलों में वांछित जनपदीय क्षेत्र के कुल 200 से अधिक लोगों को जिला प्रशासन ने जिला बदर किया है।
नगर निकाय चुनाव से पहले बड़ी कार्यवाही अगर देखा जाए तो सरकार नगर निकाय चुनाव की तैयारी में लगी हुई थी। परंतु कोर्ट में मामला जाने के बाद चुनाव पीछे हट गए। परंतु जिला प्रशासन की कार्यवाही ने गुंडों को हिला कर रख दिया है।
दिसंबर माह में डीएम कोर्ट से 107 वादों में गुंडा घोषित किए गए है। 104 को जिलाधिकारी ने जिले की सीमा से बाहर रहने के आदेश कर दिए हैं। इसके अलावा 3 को रोजाना थाने पर जाकर हाजिरी लगाने के आदेश दिए है।
जनवरी महीने में डीएम कोर्ट ने 51 वादों में सुनवाई करते हुए 48 को जिला बदर तथा 3 को थाने में हाजिरी लगाने के आदेश दिए हैं।
एडीएम कोर्ट ने भी जिला बदर किए एडीएम कोर्ट ने दिसंबर महीने में 78 अपराधियों के विरुद्धगुंडा एक्ट की कार्यवाही करते हुए जिला बदर कर दिया गया है। इसके अलावा इसमें वह भी अपराधी जिला बदर हुए हैं जो पूर्व में पूरा समय कर चुके हैं। जनवरी महीने में भी जिला बदर किए गए हैं।
एसपी हापुड़ अभिषेक वर्मा की सख्ती के चलते जिला पुलिस द्वारा अपराधियों के खिलाफ जिला बदर की कार्यवाही के लिए रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेजी है। डीएम मेधा रुपम ने डीएम कोर्ट में अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करते हुए 60 दिन में 200 से अधिक गुंडों को जिला बदर किया है।
मुकेश गोयल प्रभारी संयुक्त निदेशक अभियोजन जनपद हापुड़ ने बताया कि यूपी गुंडा नियंत्रण अधिनियम की धारा 3 के अन्तर्गत 6 माह के लिए जिला बदर किया जाता है, जो गुंडा की श्रेणी में आता है। धारा 5 के चलते यह अवधि दो साल तक की जा सकती है। डीएम कोर्ट से 200 से अधिक जिला बदर किए हैं।