विकास भवन के अधिकारियों व कर्मचारियों को दिया गया प्रशिक्षण
हापुड़। अपदाएं हमे कब प्रभावित करेंगी और कितना प्रभावित करेंगी इसके इसके बारे में हमे पहले से पता नही होता है ऐसे में आपदाओं के प्रति लोगों को जागरूक व दक्ष बनाकर ही इसका सामना किया जा सकता है, लोगों पर इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। यह विचार मुख्य विकास अधिकारी प्रेरणा सिंह ने बुधवार को विकास भवन के सभागार में आपदा प्रबंधन पर आयोजित कार्यशाला में व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण भी आपदाओं में इजाफा हो सकता है। इसका भी आपदा प्रबंधन में ध्यान रखने की जरूरत है। विकास परियोजना में भी जोखिम का आंकलन करें ताकि विकास सही दिशा में जा सकें। उन्होंने उम्मीद जताई की वर्कशॉप और मॉकड्रिल से प्रकृतिक व मानवीय आपदाओं के प्रति लोगों की समझ बढ़ेगी तथा सामना होने पर लोग बेहतर बचाव कर पाएंगे।
उन्होंने मॉक ड्रिल में खुद विशेष रुचि दिखाई और अधिकारियों व कर्मचारियों को बेहतर सीखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम आयोजित होते रहने चाहिए ताकि लोगों में सभी आपदाओं के प्रति जागरूकता बढ़ती रहे।
इस वर्कशॉप का आयोजन जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण (डीडीएमए) और गैर सरकारी संगठन ‘‘सोसायटी फॉर ब्राइट फ्यूचर‘‘ के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। इसमें अधिकारियों व कर्मचारियों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया गया। मॉक ड्रिल के माध्यम से उनकी क्षमता बढ़ाने की कोशिश की गई।
आपदा विशेषज्ञ गजेंद्र बघेल ने प्राकृतिक और मानवीय आपदाओं की पृष्ठभूमि, जनजीवन पर उनके प्रभाव, आपदा प्रबंधन में विभिन्न एजेंसियों और संस्थाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सभी प्रकार के खतरों के जोखिम को कम करने के लिये समुदाय स्तर पर भी योजना बनाने की जरूरत है। उन्होने कहा कि स्वयंसेवी संस्थाओं और हापुड़ के नवयुवकों को आपदा प्रबन्धन से जोड़कर सुरक्षा की संस्कृति और सभी लोगो तक पहुंचाया जायेगा।
लोग जितना जागरूक होगे उतना ही आपदाओं का प्रभाव उन पर कम होगा। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के जिला सलाहकार गोपाल राय ने प्रशिक्षण के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस प्रशिक्षण का मकसद सभी प्रकार के खतरों के प्रति लोगों में सुरक्षा की संस्कृति विकसित करने,आसपास में मौजूद खतरों की पहचान करने और व्यक्ति के स्तर पर, परिवार के स्तर पर, समुदाय के स्तर पर जोखिम न्यूनिकरण के लिए प्रेरित करना है।
इस अवसर पर चीफ फायर अफसर मनु शर्मा ने आग के जोखिम को कम करने पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा की सभी अपने घर में आग के जोखिम का आंकलन करें और उसके प्रभाव को कम करने के लिए पहल करें। एन0डी0आर0एफ के इंस्पेक्टर नवीन ने एनडीआरएफ की कार्य प्रणाली की जानकारी। उन्होंने बताया की देश के अलावा अन्य देशों में भी टीम खोज बचाव का बेहतर कार्य कर चुकी है।
उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ सभी प्रकार की आपदाओं में दक्षता के साथ प्रतिक्रिया करने में सक्षम है। मॉक ड्रिल में सीपीआर, अग्निकांड, खोज बचाव, प्राथमिक चिकित्सा, गले में कोई वस्तु फंसी हो तो उसे बाहर निकालने समेत बेसिक लाइफ स्पोर्ट सिस्टम का प्रदर्शन किया गया। वर्कशॉप में मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ सुनील कुमार त्यागी, डिप्टी कलक्टर इला प्रकाश, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा प्रमोद कुमार समेत विकास भवन के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।