हापुड़ में स्वच्छ भारत मिशन के तहत करोड़ों रुपये की लागत से बने व्यक्तिगत शौचालयों की स्थिति जर्जर होने से लाभार्थियों को इनका लाभ नहीं मिल पा रहा है। शौचालयों की दशा सुधारने के लिए रेट्रो फिटिंग योजना के तहत सर्वे किया जा रहा है, जिले में 1.5 लाख शौचालयों का सर्वे होगा। इसके बाद स्थिति स्पष्ट होने के बाद शासन को शौचालयों की मरम्मत कराने के लिए बजट की मांग की जाएगी।
गांवों को खुले में शौचमुक्त कराने के लिए जिले के 273 ग्राम पंचायतों में एक लाख 40 हजार 950 घरों में व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण कराया गया था। इसके लिए शासन से दो किश्तों के रूप में लाभार्थियों को 12 हजार रुपये प्रति शौचालय के रूप में सहायता राशि प्रदान की गई थी। लेकिन इनमें से अधिकांश शौचालयों की हालत खस्ताहाल हो चुकी है। शौचालय जर्जर हालत में हैं, कुछ शौचालयों की छत गायब है तो किसी का फर्श टूट गया है। किसी शौचालय का दरवाजा गायब हो गया है तो किसी की सीट ही गायब है। ऐसे में लाभार्थियों को शौचालयों का प्रयोग ही बंद कर दिया है।
जिला पंचायत राज अधिकारी शिव बिहारी शुक्ला का कहना है कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांवों में बनाए गए व्यक्तिगत शौचालयों का पंचायत सहायकों के माध्यम से सर्वे कराया जा रहा है। जिन शौचालयों की हालत खस्ताहाल हो गई है, रेट्रोफिटिंग योजना के तहत उनकी दशा सुधारने के लिए कार्य कराया जाएगा ताकि लाभार्थी शौचालय का उपयोग कर सकें।