हापुड़ – पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) मेरठ परिक्षेत्र कलानिधि नैथानी के निर्देशन में चलाए जा रहे “ऑपरेशन विवेचना” अभियान की समीक्षा में अनूपशहर (बुलन्दशहर) और सदर देहात (मेरठ) सर्किल का प्रदर्शन असंतोषजनक पाया गया है। दोनों सर्किलों में लंबित विवेचनाओं में इजाफा होने पर डीआईजी ने संबंधित क्षेत्राधिकारियों से स्पष्टीकरण तलब किया है।
डीआईजी कार्यालय पर आयोजित समीक्षा बैठक में परिक्षेत्र के चार जनपदों मेरठ, बुलन्दशहर, बागपत व हापुड़—में लंबित विवेचनाओं की सर्किलवार स्थिति पर चर्चा की गई। सीसीटीएनएस पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों के अनुसार सदर देहात मेरठ में लंबित विवेचनाएं 268 से बढ़कर 276 तथा अनूपशहर में 136 से बढ़कर 172 हो गई हैं।
इन सर्किलों ने दिखाया बेहतरीन प्रदर्शन
समीक्षा में सरधना (मेरठ), सिकन्द्राबाद (बुलन्दशहर) और नगर सर्किल (हापुड़) का प्रदर्शन संतोषजनक रहा।
सिकन्द्राबाद में 384 लंबित में से 301
हापुड़ नगर में 332 में से 231
सरधना में 269 में से 217 विवेचनाएं शेष रहीं।
इन सर्किलों द्वारा समयबद्ध कार्यवाही को डीआईजी ने सराहनीय बताया।
पर्यवेक्षण की कमी पर जताई चिंता
डीआईजी ने स्पष्ट किया कि परिक्षेत्र में विवेचकों की कोई कमी नहीं है। 266 निरीक्षक और 2621 उपनिरीक्षक तैनात हैं। आंकड़ों के अनुसार, प्रत्येक विवेचक के पास औसतन तीन से कम विवेचनाएं होनी चाहिए। ऐसे में कुछ सर्किलों में बढ़ती लंबित विवेचनाएं पर्यवेक्षण में लापरवाही को दर्शाती हैं।
डीआईजी ने दिए सख्त निर्देश
डीआईजी नैथानी ने सभी जनपद प्रभारियों को निर्देशित किया है कि वे सर्किलवार विवेचनाओं का वैज्ञानिक ढंग से आवंटन करें और निस्तारण में गुणवत्ता व समयबद्धता सुनिश्चित करें।
“जनता को समय पर न्याय मिले, यही पुलिस की प्राथमिकता होनी चाहिए। गुणवत्तापरक विवेचना से न केवल न्याय में तेजी आती है, बल्कि पुलिस की छवि भी मजबूत होती है।”