डीआईजी कलानिधि नैथानी ने सभी पुलिस अधीक्षकों को ऑपरेशन शस्त्र शुरू करने के आदेश दिए हैं। इसके अंतर्गत अब हर शस्त्र धारक को एक-एक गोली का हिसाब देना होगा। अगर कोई अपना शस्त्र दूसरे को देता है तो उस पर भी कार्यवाही होगी। खिलाड़ियों को 90 फीसदी खोखे देने पर ही कारतूस मिलेंगे। इसके अलावा जहां भी गोलीबारी की घटना होती है वहां पर पुलिस काे डीआईजी कलानिधि नैथानी द्वारा बताए गए हर पॉइंट पर जानकारी देनी होगी। कारतूस कहां से खरीदा गया था। इसका हर विवेचक को ब्योरा जुटाना होगा।
डीआईजी कलानिधि नैथानी ने आदेशित किया हैं कि लाइसेंस धारक को नए कारतूस दिए जाने से पुराने कारतूसों का ब्योरा देना होगाा। एसडीएम और सीओ द्वारा प्रारम्भिक जांच के बाद ही नए कारतूस दिए जाएंगे। उन्होंने कारतूसों की बिक्री पर सशर्त प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए हैं। जिसके अन्तर्गत नये स्वीकृत लाइसेंसों पर भी सीमित संख्या में कारतूस दिये जाएं।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में शस्त्र लाईसेंस पर कितने कारतूस लिए गए, उनका इस्तेमाल कहां किया गया, इसकी जांच कराई जाए। खिलाड़ियों को अधिक संख्या में कारतूस दिए जाते हैं, ऐसे में उनके खोखे जमा करने के संबंध में 80 प्रतिशत के स्थान पर 90 प्रतिशत की शर्त रखी जाए।
गोली कांड में करनी होगी इन 5 प्वाइंट पर जांच :
गोली किसने चलाई ?
असलहा किसने दिया व किसके नाम है ?
असलहा अवैध है तो किससे खरीदा और कहां बना ?
असलहा किसके घर पर या किस स्थान पर रखा जाता था ?
गोलीकांड में घटनास्थल तक पहुंचने में किस वाहन का प्रयोग हुआ तथा उस वाहन का स्वामी कौन था और उस वाहन में मुख्य अभियुक्त के साथ कौन- कौन था ?
इन प्वाइंट पर होगी कार्यवाही :
अपना लाईसेंस असलहा दूसरे को प्रयोग के लिए देने पर लाईसेंस की शर्तों के उल्लंघन की धारा 30 आयुध अधिनियम अन्तर्गत मुकदमा दर्ज करें।
अगर असलहा लाइसेंसी हो तो शस्त्र निरस्तीकरण की कार्यवाही करते हुए शस्त्र स्वामी के विरुद्ध भी विधिक कार्यवाही करें।
गोलीकांड जैसे आपराधिक षडयंत्र में शामिल पारिवारिक सदस्यों व दोस्तों पर भी कार्यवाही करें।
रिश्तेदारों व दोस्तों के लिए निर्देश :
सोशल मीडिया पर अस्त्र/शस्त्र का प्रदर्शन न करें।
अवैध असलहा वालों से दूरी बनाए रखें।
ऐसे व्यक्तियों को अपना मकान व अपना वाहन प्रयोग न करने दें।
गोलीकांड में संलिप्त अपराधियों को शरण देने वाले, अपने घर पर असलहा छुपाने वाले, लाइसेंसी असलहा दूसरे के हाथ में देने वालों व उनकी मदद करने पर बीएनएस की धारा 249, 3(5), 61(2) के अन्तर्गत कार्रवाई की जाएगी।