हापुड़ में सर्दियों में शारीरिक श्रम कम होने से मधुमेह के मरीज बढ़ रहे हैं, सीएचसी में हर रोज 160 से 180 लोगों की जांच हो रही हैं। जिनमें कई की शुगर 350 के ऊपर पहुंच रही है। कई मरीजों पर दवाओं का असर नहीं हो रहा, ऐसे में ओवर डोज या इंसुलिन का सहारा लेना पड़ रहा है।
सर्दियों का मौसम काफी आरामदेह और टेस्टी खाने की वजह से कई लोगों का फेवरेट होता है। हालांकि, डाबिटीज के मरीज अगर सावधानियां न बरतें, तो उनके लिए यह घातक भी हो सकता है। सर्दियों के मौसम में अक्सर ही हम कम एक्टिव रहते हैं और हमारा खान-पान भी खूब हैवी होता है। इस कारण से, ब्लड शुगर लेवल बढ़ने का खतरा रहता है। यह स्थिति डायबिटीज के मरीजों के लिए अधिक हानिकारक हो सकती है।
शुगर, रक्तचाप डेस्क की काउंसलर डॉ. ऊषा गुप्ता ने बताया कि दैनिक दिनचर्या अव्यवस्थित होने से शरीर में इंसुलिन बनना कम हो जाता है। जिस कारण मधुमेह के मरीज बढ़ते हैं, 40 साल से अधिक उम्र वालों में यह समस्या तेजी से बढ़ रही है। सर्दियों में वजन बढ़ने के साथ ही शारीरिक श्रम कम होना इसका बड़ा कारण है।
उन्होंने बताया कि इन दिनों रोजाना 12 से 15 नए मरीज चिन्हित किए जा रहे हैं। इसमें 20 साल से कम के बच्चे भी शामिल हैं। शुरूआत में काउंसलिंग और व्यायाम से ही ऐसे मरीजों को स्वस्थ किया जा रहा है। लेकिन बहुत से ऐसे हैं जिन पर अब दवाओं का भी असर नहीं हो रहा। ऐसे मरीजों को इंसुलिन या ओवर डोज की जरूरत पड़ रही है।
बृहस्पतिवार को ओपीडी में पहुंचे सात मरीजों की शुगर 350 से भी अधिक मिली। इनसे जानकारी पर पता चला कि रात के समय अधिक प्यास लगना, बार बार पेशाब आना और फुंसियां निकलने से परेशान थे। जिस कारण शुगर की जांच करायी। इन मरीजों की भी काउंसलिंग की गई।