हापुड़ जिले में 30 हजार से अधिक लोग मधुमेह की चपेट में हैं। अधेड़ उम्र के साथ किशोर वर्ग भी चपेट में आ रहा है। लेकिन हापुड़ में कई ऐसे लोग हैं, जिन्होंने बिना दवा के ही मधुमेह पर विजय हासिल की। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम व योग से सावधानी बरतकर ही उनकी शुगर नियंत्रित हो गई।
मधुमेह कोई रोग नहीं यह अनियमित दिनचर्या और असंतुलित अहार से होने वाली एक बीमारी है। जिसे संतुलित अहार,नियमित व्यायाम और योग से नियंत्रित किया जा सकता है। अस्पतालों में काउंसलिंग के दौरान इन लोगों का खूब उदाहरण दिया जाता है।
सीएचसी के अधीक्षक डॉ. दिनेश खत्री ने बताया कि कोरोना के बाद से अचानक मधुमेह के मरीज बढ़े हैं। कोरोना काल में मरीजों को जमकर स्टेरॉयड दिए गए, इसी का कारण है कि आज हापुड़ में मधुमेह के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। तनाव, बढ़ता रक्तचाप, गलत खान पान भी इसका कारण हैं। सरकारी अस्पतालों में काउंसलिंग डेस्क बनायी गई हैं।
काउंसलर डॉ. ऊषा गुप्ता ने बताया कि जिन मरीजों को शुरूआती डायबिटिज है। उनकी काउंसलिंग कर, योग व्यायाम और खान पान सही करने की सलाह दी जाती है। बहुत से मरीज इन नियमों का पालन कर ही स्वस्थ हो जाते हैं।