हापुड़ में चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन मंगलवार को देवी मंदिरों में मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिरों व घरों में विधि विधान से कलश स्थापना कर माता के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की। माता की आराधना कर भक्तों ने मन्नत मांगी। इसके साथ ही हिंदू नववर्ष का आगाज होने पर लोगों ने एक दूसरे को बधाई दी।
नवरात्र के प्रथम दिन देवी मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया। सिर पर लाल चुनरी, हाथों में पूजा की थाली लिए श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिरों मां की आराधना करने के लिए लाइन में लगी रही।
नगर के मां चंडी मंदिर, मां मंशा देवी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। श्रद्धालुओं ने विधि-विधान के साथ मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना आशीर्वाद लिया। श्रद्धालुओं ने माता रानी का श्रृंगार किया। फूलों से माता रानी के दरबार को सजाया गया था, जो देखने को काफी मनमोहक रहा। नवरात्र शुरू होने पर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह है। माता रानी के जयकारों से मंदिर गूंज उठे। सभी मंदिरों में चारो तरफ काफी चहल-पहल है।
आज होगी मां ब्रह्माचारिणी की पूजा नवरात्र के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की उपासना होगी। पं. सतीश शास्त्री ने बताया कि ब्रह्म शब्द का अर्थ है तपस्या, चारिणी का अर्थ है अनुरक्त रहना अर्थात जो तप में लीन रहे। मां ब्रह्मचारिणी की उपासना करने से मनुष्य में तप, त्याग, वैराग्य और संयम की वृद्धि होती है। माता को फल मिश्री और पंचामृत का भोग लगाएं।