जनपद हापुड़ में स्वास्थ्य विभाग की जांच में हर तीसरे घर में डेंगू का लार्वा मिल रहा है। जिले में बुखार के मरीजों की भरमार है। अब तक विभाग छह मरीजों में डेंगू की पुष्टि भी कर चुका है। रैपिड जांच के लिए 500 एलाइजा किट मंगाई हैं, जिनसे पुराने और नए मरीजों में डेंगू का पता लगाया जा सकता है।
डेंगू हर साल मरीजों की जान पर आफत बनकर टूटता है। स्वास्थ्य विभाग के लिए भी यह चुनौती का समय है। क्योंकि लार्वा अब मच्छर में तब्दील होकर मरीजों को चपेट में ले रहा है। वायरल बुखार व टायफाइड में प्लेटलेट्स गिर रही है।
इस बार का रेड जोन सिंभावली का बड्ढा गांव है, इसके आसपास के गांवों में भी भारी मात्रा में लार्वा मिला है। जिला अस्पताल और सीएचसी में संचारी रोग वार्ड तैयार कराए गए हैं। संवेदनशील इलाकों में निगरानी की जा रही है।
पिछले सालों में बिगास, औरंगाबाद में सबसे अधिक डेंगू का प्रकोप था। लेकिन इस बार इन गांवों में लार्वा कम ही दिख रहा है। अन्य क्षेत्रों में लार्वा की भरमार है। डीएमओ डॉ. सतेंद्र कुमार के नेतृत्व में टीम ने क्षेत्र में जांच की। इसमें हर दस घर में से तीन घरों में डेंगू का लार्वा मिला है।
सीएमओ डॉ. सुनील त्यागी- ने बताया की जिले में डेंगू से निपटने के लिए जांच और उपचार की तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं। अस्पतालों में वार्ड रिजर्व कर दिए गए हैं। चिकित्सकों को स्पष्ट आदेश दिए गए हैं, जिन स्थानों पर लार्वा अधिक है, उसे नष्ट कराया जा रहा है।