कोरोना काल में बंद हुईं लोकल पैसेंजर ट्रेनों को पांच साल बीत जाने के बाद भी बहाल नहीं किया गया है, जिससे हजारों दैनिक यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस मुद्दे को लेकर अब जनप्रतिनिधियों और संगठनों ने रेलवे प्रशासन पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
🚆 किन ट्रेनों का संचालन बंद है?
- खुर्जा–मेरठ पैसेंजर ट्रेन (दोपहर सेवा)
- मुरादाबाद–दिल्ली पैसेंजर ट्रेन
इन ट्रेनों का संचालन कोविड-19 महामारी के दौरान 2020 में बंद कर दिया गया था और अब तक दोबारा शुरू नहीं किया गया है।
🗣️ सांसद अरुण गोविल ने उठाई मांग
मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद अरुण गोविल ने मुरादाबाद रेल मंडल के डीआरएम राजकुमार सिंह को पत्र लिखकर दोनों पैसेंजर ट्रेनों के संचालन को फिर से शुरू करने की मांग की है।
सांसद ने यह भी बताया कि इन ट्रेनों के बंद होने से
- अन्य ट्रेनों पर भारी दबाव
- सीटों की कमी
- और स्टेशनों पर बढ़ती भीड़ से
दैनिक यात्रियों को खासी परेशानी हो रही है।
📄 यात्रियों ने भी सौंपी मांगों की सूची
दैनिक रेलयात्री एसोसिएशन के पूर्व महासचिव दिनेश कुमार गुप्ता ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को संबोधित ज्ञापन सांसद को सौंपा, जिसमें निम्नलिखित मांगें शामिल हैं:
✅ गाजियाबाद तक चलने वाली ईएमयू ट्रेनों को हापुड़ तक बढ़ाया जाए
✅ मुरादाबाद–दिल्ली के बीच दो नई पैसेंजर ट्रेनों की शुरुआत हो
✅ पूर्णागिरी जनशताब्दी और सिद्धबली एक्सप्रेस में सामान्य टिकट की सुविधा दी जाए
✅ जोधपुर, पोरबंदर, अजमेर गरीब नवाज और उत्तराखंड संपर्क क्रांति एक्सप्रेस का हापुड़ स्टेशन पर ठहराव हो
✅ शटल व मेमू ट्रेनों का संचालन समय से किया जाए
🧑💼 क्या कहता है जनमत?
रेलयात्रियों का कहना है कि
- “पैसेंजर ट्रेनों के बंद होने से सबसे ज्यादा असर दफ्तर जाने वाले मध्यम वर्गीय यात्रियों पर पड़ा है।”
- “हर दिन घंटों की देरी, बढ़ता किराया और खचाखच भीड़ ने सफर को मुसीबत बना दिया है।”