जनपद हापुड़ के पिलखुवा में किसानों का एक प्रतिनिधि मंडल लखनऊ पहुंचकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकत की। प्रतिनिधि मंडल ने किसानों की गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की। किसानों की माने तो मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से वार्ता कर जल्द मामले के निस्तारण का आश्वासन दिया है।
बता दें कि प्रदेश सरकार ने रिलायंस पॉवर प्रोजेक्ट के लिए साल 2004 में तहसील क्षेत्र के सात गांव की करीब 25 सौ एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था। जिसका किसानों ने विरोध किया था।
इसी विरोध के चलते आठ जुलाई 2006 को किसान और पुलिस आमना -सामना हुआ था। जिसके बाद पांच सौ किसानों को नामजद कर दिया, पिलखुवा, हाफिजपुर, धौलाना और मसूरी थाने में 22 से ज्यादा अधिक मुकदमा दर्ज कराए गए थे।
जिसके बाद किसानों ने देश की सबसे बड़ी अदालत का दरवाजा खटखटाया था। गत 2014 में उच्चतम न्यायालय के अधिग्रहण को अवैधानिक करार देते हुए किसानों के नाम फर्द में अंकित करने के आदेश दिए थे।
तभी से दर्ज मुकदमों की वापसी के लिए आंदोलन कर रहे हैं। मुकदमा वापस नहीं होने एवं किसानों के कोर्ट नहीं पहुंचने के कारण न्यायालय ने कुर्की आदेश जारी कर दिए, जिसके बाद पुलिस ने नामजद किसानों की गिरफ्तारी करनी शुरू कर दी।
जिसके बाद किसानों का एक प्रतिनिधि मंडल शनिवार देर शाम भाजपा के पूर्व सांसद रमेशचंद तोमर के नेतृत्व में लखनऊ पहुंचकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकत कर वर्ता की। प्रतिनिधि मंडल ने किसानों पर दर्ज मुकदमों की वापसी, भूमि में नाम अंकित कराने, किसानों की गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की।