भगवान आशुतोष ने शिव भक्तों की झोली भरी तो भक्तों ने भी आराध्य देव को खुश करने के लिए अपनी जेब खोलने में कोई संकोच नहीं किया है। यह शिव भक्त कांवड मार्गो पर लाखों रूपये खर्च कर कांवड़ियों की सेवा में जुटे है, उन्हें लजीज व्यंजन परोस रहे है। शिविरों में कांवड़ियों के लिए मैन्यू भी लगाया गया है। यहां सुबह का नाश्ता अलग, दोपहर में खाना और रात को डिनर की व्यवस्था की गई है।
लाखों की संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार जल लेने जाते हैं। इसको लेकर जगह-जगह कांवड़ शिविर लगते है। इस बार शिव भक्त कांवड़ियों के लिए शहर के मेरठ रोड, बुलंदशहर रोड, गढ़ रोड, दिल्ली रोड आदि कांवड़ मार्गो पर शिविर लगाए गए है। कांवड़ शिविरो में कांवड़ियों के लिए लजीज व स्वादिष्ट व्यंजन परोसे जा रहे है। कहीं दूध खदक रहा है तो कहीं पुड़ियां छन रही है। वहीं शविरों में खाने का मैन्यू भी लगाया गया है। इसमें सुबह का नाश्ता अलग, रातभर चलने वाला नाश्ता अलग, दोपहर को कच्ची रोटी और कचौरी के साथ दो से तीन तरह की सब्जी, हलवा, आइस्क्रीम, खीर आदि परोसी जा रही है।
इन शिविरों में खानपान की गुणवत्ता का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। यहां दूध को किसी डेयरी से नहीं, ब्लकि गांव से मंगाया जा रहा है। ग्रामीण भी कई शिविरों के लिए पूरी तरह निशुल्क दूध भेज रहे है। इसमें हर दिन करीब 250 से 300 कुंतल दूध निशुल्क दिया जा रहा है। इसके अलावा कांवड़ियों के ठहरने के लिए विशेष इंतजाम है। शिविरों में लकड़ी के फोल्डिंग डाले गए है, इनपर गद्दे बिछाकर कांवड़ियों के रहने का प्रबंध किए गए है। वहां वाटर कुलर भी लगाए गए है, ताकि कांवड़ियों को आराम मिल सकें। इसके अलावा मोबाइल टॉयलेट, नहाने व चिकित्सा आदि की सुविधा दी जा रही है। ताकि शिव भक्त कांवड़ियों को किसी तरह की परेशानी न हो।
धीरखेड़ा और आईआईए के कांवड़ शिविर में विशेष व्यवस्थाः
धीरखेड़ा इंडस्ट्रीयल एरिया और इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन द्वारा 27 साल से कांवड़ शिविर लगाया जा रहा है। इनके शिविर में रात दस बजे से सुबह 11 बजे तक खस्ता कचौड़ी, मटरा, ब्रेड-पकौड़ा, हलवा, शिकंजी आदि मैन्यू है। दोपहर में कच्ची रोटी, कचौड़ी, तदूर की रोटी, दाल, मटर-पनीर, भिंडी आदि की सब्जी परोसी जा रही है। इसके अलावा दूध, मखानों की खीर की भी व्यवस्था है। धीरखेड़ा के सचिव सोनू चुग ने बताया कि हर साल कांवड़ शिविर में मैन्यू लगाया जाता है।