हापुड़ जिले की गन्ना समितियों पर डीएपी खत्म हो गई है, कई नकद केंद्र और समितियों के गोदाम भी खाली पड़े हैं। तीसरे दिन भी अधिकांश समितियों पर खाद की आपूर्ति नहीं हो सकी। ऐसे में किसान दिनभर भटकते रहे। जिले के लिए आवंटित रैक आने में समय लगेगा, ऐसे में किसान दूसरे जिलों की भी दौड़ लगा रहे हैं।
आलू और गेहूं बुवाई का समय चल रहा है। अधिकारी बफर गोदाम में 200 एमटी (मीट्रिक टन) से अधिक डीएपी होने का दावा पिछले तीन दिन से कर रहे हैं। लेकिन समितियों पर डीएपी नहीं पहुंच रहा है। गन्ना समितियों के गोदाम भी अब खाली हो गए हैं। खाद की किल्लत से किसानों का बुरा हाल है। किसान मायूस हो रहे हैं।
पिछले दिनों करीब 1400 एमटी डीएपी जिले को आवंटित हुई थी। इसमें करीब 50 एमटी गन्ना समितियों को दी गई थी। 200 एमटी से अधिक नकद केंद्रों को सप्लाई हुई थी। बाकी समितियों के लिए रिजर्व रखी थी। किसानों के नजदीकी कई नकद केंद्रों पर भी डीएपी का स्टॉक खत्म पड़ा है। गोदाम में सिर्फ यूरिया मिल रहा है, जिस कारण दूर दराज से आने वाले किसान मायूस हो रहे हैं।
आश्चर्य की बात यह है कि बफर गोदाम की सबसे नजदीकी चमरी सोसायटी में पिछले तीन दिन से डीएपी नहीं है। जबकि रोजाना अधिकारी वहां आपूर्ति होने का दावा करते हैं, लेकिन किसान टोकन लेने के बावजूद दिनभर इंतजार कर वापस लौट रहे हैं।
जिले में किसानों को डीएपी की आपूर्ति के संबंध में शासन से भी संज्ञान लिया जा रहा है। हाल ही में प्रमुख सचिव ने वीसी में कड़े निर्देश दिए हैं।
एआर कोऑपरेटिव प्रेम शंकर- ने बताया की जिले के लिए 2200 एमटी डीएपी आवंटित हो चुका है, जल्द ही रैक पहुंच जाएगी। बफर गोदाम से जरूरत वाली समितियों पर डीएपी भेजा जा रहा है। किसानों को परेशानी न हो, इसका ध्यान रखा जा रहा है।