जनपद हापुड़ में मेरठ रोड स्थित रोडवेज बस डिपो के बाहर से लोकल मार्गों पर ऑटो व टाटा मैजिक वाहनों के संचालन से डिपो को प्रत्येक महीने लाखों रुपये की चपत लग रही है। अधिकारियों द्वारा अनेक बार शिकायत करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं है, जिससे डग्गामार वाहनों के हौसले बुलंद हैं।
हापुड़ डिपो से विभिन्न मार्गों पर 106 बसों का संचालन होता है, जिससे रोजाना करीब 15 लाख रुपये की आमदनी होती है। लोकल मार्ग पर डिपो से मोदीनगर मार्ग पर आठ बस व किठौर मार्ग पर पांच बसों का संचालन किया जाता है। जहां से रोजाना हजारों यात्री सफर करते हैं।
लेकिन, डिपो के गेट के बाहर खड़े ऑटो व टाटा मैजिक चालक इन मार्ग के अनेक यात्रियों को बसों तक पहुंचने ही नहीं देते और बाहर ही जल्दी पहुंचाने का आश्वासन देकर अपने वाहनों में सवार कर लेते हैं। अनेक बार बस चालक व डिपो कर्मचारियों की डग्गामार वाहन चालकों के साथ सवारियां बैठाना को लेकर बहस भी होती है।
सुबह छह बजे से ही डग्गामार वाहनों का जमावाड़ा लग जाता है। नियम – कानून ताक पर रखकर सड़क पर वाहन खड़ा कर सवारी बैठा रहे हैं।
डग्गामार वाहनों ने परिवहन निगम की व्यवस्था को बिगाड़ रखा है। इन वाहनों के संचालन से डिपो को लाखो की चपत हो रही है।
इन डग्गामार वाहनों का हौसला इस कदर बुलंद हैं कि सवारी भरने रोडवेज परिसर में खड़े यात्रियों को भी बुलाकर बैठाते हैं। जो खुलेआम नियम – कानूनों को तोड़कर खुलेआम रोडवेज बसों में सवार होने वाली सवारियों को भर रहे हैं। इससे विभाग को हर माह लाखों का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
इस संबंध में डिपो अधिकारी ट्रैफिक पुलिस व एआरटीओ से भी शिकायत कर चुके हैं लेकिन, कार्यवाही नहीं होने के कारण डग्गामार वाहन चालकों के हौसले बुलंद हैं। जिससे आए दिन इस तरह की स्थिति बनी रहती है। ऐसे छोटे वाहनों के संचालन से डिपो को प्रत्येक माह करीब 15 लाख रुपये की चपत लग रही है।
टीएसआई छविराम का कहना है कि अधिकारियों की शिकायत के बाद ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्यवाही की जा चुकी है। अगर फिर से इस प्रकार का मामला सामने आता तो अभियान चलाकर वाहन चालकों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।