हापुड़ जिले के क्रेशरों पर गन्ने के बंपर दामों ने चीनी मिलों की हालत खराब कर दी है। चीनी मिलों में पेराई सत्र खत्म हो रहा है, चीनी मिलों को क्षमतानुसार गन्ना नहीं मिल रहा है। गत वर्ष के मुकाबले इस बार 30 फीसदी ही गन्ना मिलों पर पहुंचा है। क्रेशरों पर ज्यादा दाम मिलने व मिलों द्वारा नए सत्र का भुगतान न करने के कारण किसानों ने नकद में क्रेशरों पर गन्ना डाला है।
हाईवे के लिए भूमि अधिग्रहण और क्रेशरों पर गन्ने के बंपर दामों ने चीनी मिलों की हालत खराब कर दी है। मार्च महीना आधा बीता है और जिले में गन्ना लगभग खत्म होने को तैयार है। ब्रजनाथपुर चीनी मिल से जुड़े किसानों के केलेंडर का सत्यापन किया गया, जिसमें 31 मार्च तक के इंडेंट से मिलान में पाया गया कि इस तिथि तक सभी किसानों का गन्ना मिल पर सप्लाई हो जाएगा।
हालांकि सिंभावली मिल का इस बार अप्रैल के प्रथम सप्ताह तक ही पेराई सत्र चलेगा। वहीं, ब्रजनाथपुर मिल पर पेराई सत्र की तिथि 31 मार्च तक चालू रहने का नोटिस चस्पा करा दिया है।
जिला गन्ना अधिकारी सना आफरीन खान- ने बताया की चीनी मिलों पर गन्ने की खरीद जारी है, भुगतान भी नियमित किया जा रहा है। किसानों को किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। ब्रजनाथपुर चीनी मिल पर किसानों को गन्ना सप्लाई की छूट दे दी गई है। सिंभावली मिल का भी इंडेंट जल्द खारिज हो जाएगा।