हापुड़ में बरसात के मौसम में वायरल बुखार के बाद अब हाथ पैरों के जोड़ों में दर्द से मरीज परेशान हैं। गले में संक्रमण के कारण छाले पड़ रहे हैं। बच्चों में डायरिया और त्वचा रोग अधिक है। सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी में ऐसे मरीजों की भरमार है।
फिजिशियन डॉ. प्रदीप मित्तल ने बताया कि वायरल बुखार का हर व्यक्ति पर असर उसकी प्रतिरोधक क्षमता के अनुसार अलग ही होता है। इन दिनों बहुत से मरीज हाथ पैर और मांसपेशियों में दर्द की समस्या लेकर अस्पताल आ रहे हैं। जिन मरीजों को पूर्व में हड्डी संबंधी चोटें लगी थी, उनकी चोटों में फिर से दर्द उबर रहा है। ऐसे मरीजों को आवश्यक दवाओं के साथ सिकाई की सलाह दी जा रही है। बुखार से उबरने के बाद मरीजों में इस तरह की समस्याएं आ रही हैं।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. समरेंद्र राय ने बताया कि गलत खान पान और लापरवाही से बच्चों में डायरिया का असर बढ़ रहा है। त्वचा रोग भी मरीजों को तेजी से जकड़ रहा है। ओपीडी में हर रोज 120 से ज्यादा मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। गलें में इंफेक्शन के कारण बच्चों को खाना निगलने में परेशानी आ रही है।
मौसम में बदलाव के बाद अस्पतालों में मरीजों की संख्या 700 के पार पहुँच गयी है। आरोग्य मेले में भी रविवार को ऐसे करीब 600 मरीज चिन्हित किए गए।
अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. आरडी शर्मा बताते हैं कि जोड़ों में दर्द होने पर मरीज पहले अपने खानपान को सुधारें। मालिश के साथ व्यायाम अधिक करें। मालिश करने से जोड़ों के बीच का लिक्विड पिघलेगा और वह आसानी से काम करेंगें। इसके बाद भी दर्द रहता है तो हल्की सेंकाई भी कर सकते हैं। अधिक दर्द होने पर चिकित्सक की सलाह से दवा लें।