जनपद हापुड़ में जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) के तहत फर्जी फर्म बनाकर इनपुट क्रेडिट टैक्स (आईटीसी) के जरिए फर्जी तरीके से क्लेम कर सरकार को चूना लगाया जा रहा है। विशेष जांच अभियान में शहर में ऐसी चार फर्म पकड़ में आई हैं। राज्य कर विभाग अब उनसे वसूली की तैयारी कर रहा है।
विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि विभाग से उनके पास 20 से अधिक फर्म की सूची आई थी। जिनकी जांच की जा रही है। अभी तक ऐसी चार फर्म पकड़ में आई हैं जो बिना किसी व्यापार के आईटीसी क्लैम कर रहे हैं। उनके खिलाफ कार्यवाही कर फर्म द्वारा लिया गया लाभ वापस कराया जाएगा। अभियान 15 जुलाई तक जारी रहेगा और जीएसटी फर्मों का फिजिकल वेरिफिकेशन कराया जाएगा।
देशभर में एक जुलाई 2017 को जीएसटी लागू हुआ था। उस समय कारोबारियों ने जीएसटी नंबर लिए लेकिन अधिकारियों ने बगैर फिजिकल वेरिफिकेशन (व्यावसायिक स्थल और कारोबार की प्रकृति देखे बिना) जीएसटी में पंजीयन कर दिया। परिणामस्वरूप बोगस फर्म की संख्या बढ़ गई। ये फर्म फर्जी बिल से माल बेचना दिखाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट ले रही हैं।
सरकार द्वारा ऐसी जीएसटी फर्मों पर अंकुश लगाने के लिए 16 मई से 15 जुलाई तक जीएसटी विभाग द्वारा ऑल इंडिया ड्राइव अगेंस्ट फेक रजिस्ट्रेशन अभियान चलाकर फर्मों की जांच कराई जा रही है। विभाग द्वारा जीएसटी में पंजीकृत डीलर की जांच कर व्यावसायिक स्थल का पता किया जा रहा है और व्यापार की प्रकृति की भी जांच की जा रही है।
केंद्रीय और राज्य कर विभाग के अधिकारियों द्वारा जीएसटी नंबर ले चुकी फर्म और डीलर के फिजिकल वेरिफिकेशन का काम संयुक्त रूप से किया जा रहा है। राज्य कर विभाग द्वारा अभियान में चार ऐसी फर्म मिली हैं जो सिर्फ कागजों में पंजीकृत हैं और मौके पर नदारद हैं। लेकिन इसके बाद भी इन फर्मों द्वारा व्यापारिक गतिविधि दिखाकर करीब चार करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) क्लेम किया जा चुका है।
राज्य वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विभाग में वर्तमान में करीब नौ हजार छोटी बड़ी फर्म पंजीकृत हैं। वित्तीय वर्ष 2022- 23 में विभाग द्वारा दस से अधिक बड़ी फर्मों पर कार्रवाई कर 20 करोड़ रुपये से अधिक की चोरी पकड़ी थी। जिसके बाद विभाग में 2782 छोटी-बड़ी फर्म का पंजीकरण हुआ। जिनसे वर्ष में कुल 152.62 करोड़ रुपये का राजस्व वसूला गया।