हापुड़। नगर पालिका की बोर्ड बैठक बुधवार को उस समय विवादों में घिर गई, जब सभासदों ने पालिकाध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए एक के बाद एक प्रस्तावों को खारिज करना शुरू कर दिया। करीब तीन घंटे तक चली इस बैठक में 84 में से मात्र 19 प्रस्ताव ही पारित हो सके। विरोध स्वरूप सभासदों ने “इज्जत का मामला है” कहते हुए बाकी प्रस्ताव अगली बैठक में रखने की मांग की और “एकता के नारे” भी लगाए।
टैक्स प्रस्ताव पर नहीं बनी सहमति
पालिका अध्यक्ष पुष्पा देवी और क्षेत्रीय विधायक विजयपाल आढ़ती ने बैठक की शुरुआत में सुझाव दिया कि 28 जून 2024 के शासनादेश के तहत ही गैर-आवासीय भवनों पर नया टैक्स लागू किया जाए ताकि आम जनता पर अतिरिक्त बोझ न पड़े। लेकिन सभासदों ने कहा कि पहले उनकी समस्याओं पर चर्चा हो, उसके बाद ही प्रस्तावों को लिया जाए।
बैठक में तय हुआ कि टैक्स से जुड़े मसले पर एक पांच सदस्यीय कमेटी बनाई जाएगी, जो इस पर विस्तृत चर्चा कर अगली बैठक में रिपोर्ट देगी। इसके बाद ही कोई नया टैक्स लागू किया जाएगा।
स्ट्रीट लाइट घोटाले का आरोप
सभासद अमित शर्मा ‘मोनू’ ने आरोप लगाया कि स्ट्रीट लाइटों की खरीद में लाखों रुपये का घोटाला हुआ है। उन्होंने कहा कि जब ठेकेदार द्वारा घटिया कार्य की शिकायत की गई थी, तब मात्र एक प्रतिशत की कटौती कर भुगतान कर दिया गया। यह सीधे-सीधे सभासदों का अपमान है। उन्होंने ठेकेदार का बाकी भुगतान रोकने की मांग की।
प्रशासन ने दिया समाधान का आश्वासन
अधिशासी अधिकारी संजय कुमार मिश्रा ने कहा,
“सभासदों की नाराजगी को गंभीरता से लिया जाएगा। उनके सुझावों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। जल्द ही वार्ता कर समस्याओं का समाधान किया जाएगा।”
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20 करोड़ के प्रस्ताव अटके
बैठक में करीब 20 करोड़ रुपये के विभिन्न विकास कार्यों के प्रस्तावों को पारित किया जाना था, लेकिन बहुमत से विरोध के कारण इनमें से अधिकांश स्थगित कर दिए गए।
निष्कर्ष:
नगर पालिका की यह बैठक जहां नगर की योजनाओं को आगे बढ़ाने का मंच होनी थी, वहीं अब यह सभासदों और प्रशासन के बीच संवादहीनता और नाराजगी का प्रतीक बनकर रह गई। अब देखना यह है कि अगली बैठक में समाधान निकलता है या गतिरोध और बढ़ता है।