हापुड़ /गढ़मुक्तेश्वर किसानों को इन दिनों तेज हवाओं से भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लगातार चल रही हवाओं से गेहूं की फसल को नुकसान है। पिछले दिनों हुई ओलावृष्टि और बारिश से किसान अभी पूरी तरह उबर भी नहीं पाए हैं। वहीं, कुछ दिनों से अचानक तेज हवा चल पड़ी। कभी पछुआ तो कभी पुरवाई से मौसम का मिजाज तो सामान्य है, लेकिन गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचने का अंदेशा बढ़ गया है। ऐसे में सिंचाई करना गेहूं के पौधों को क्षति पहुंचा सकता है।
गेहूं में दाने की बढ़वार के दिनों में अगर पछुआ हवा तेज चलती है, तो मौसम शुष्क हो जाने के साथ दाना भी सूखने लगता है। किसानों के मुताबिक, पछुआ हवा का सीधा प्रभाव पैदावार पर पड़ता है। कुछ दिन पहले पछुआ हवा चल पड़ी थी। तीन दिन से चली तेज हवा के दौरान पुरवाई की रमक भी महसूस हुई। पूरे दिन बार-बार हवा की दिशा बदलती रही है। तेज हवा के दौरान खासकर गेहूं की सिंचाई करने से पौधों के खेत में ही गिर जाने का अंदेशा बना रहता है।
तेज हवाओं का हालांकि सब्जी की फसलों पर कोई प्रभाव नहीं बताया जा रहा है, लेकिन सरसों की गहाई रुक गई है। किसानों ने थ्रेसिंग भी रोक रखी है, उन्हें डर है कि तेज हवा से भूसा उड़ सकता है। किसान मदहद अली बताते हैं कि अच्छी बात यह है कि मौसम में हल्की ठंडक है। पुरवाई की वजह से मौसम में नमी का माहौल होने से फसलों को सिंचाई की आवश्यकता भी कम पड़ रही है।
वहीं, कृषि विभाग के वरिष्ठ प्राविधिक सहायक सतीशचंद्र शर्मा ने बताया कि यदि गेहूं की फसल की सिंचाई करनी भी पड़े तो पांच सेंटीमीटर से भी कम पानी खेतों में छोड़े। पानी अधिक भरा तो तेज हवा फसल को खेत में ही गिरा सकती है।