हापुड़। फैशन और स्टाइल के चक्कर में लोग अपनी आंखों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। खासतौर पर सस्ते और खराब गुणवत्ता के कॉन्टैक्ट लेंस आंखों में गंभीर समस्याएं पैदा कर रहे हैं। शहर के नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में हर महीने 40 से ज्यादा मरीज ऐसे पहुंच रहे हैं, जिन्हें लेंस लगाने के कारण लालपन, जलन, दर्द, कॉर्निया अल्सर और ड्राई आई जैसी समस्याएं हो रही हैं।
नेत्र विशेषज्ञ डॉ. संजय ने बताया कि लोग रंगीन लुक पाने के लिए ऑनलाइन या बाजार से सस्ते लेंस खरीद रहे हैं, जिनकी गुणवत्ता बेहद खराब होती है। कई मरीज लेंस लगाकर सो जाते हैं, जिससे लेंस कॉर्निया में चिपक जाते हैं और फिर उन्हें निकालना बेहद मुश्किल हो जाता है। ऐसे मामलों में आंखों की रोशनी जाने तक का खतरा बन जाता है।
लापरवाही से बढ़ रहा खतरा :
- बिना डॉक्टर की सलाह के लेंस पहनना
- सोते समय लेंस का इस्तेमाल
- खराब गुणवत्ता के लेंस का लगातार उपयोग
- लेंस की सही सफाई न करना
डॉ. संजय ने बताया कि अच्छी गुणवत्ता वाले लेंस सही परामर्श और जांच के बाद ही लगाए जाने चाहिए। बाजार में 200 से 1500 रुपये तक के लेंस उपलब्ध हैं, लेकिन कीमत से ज्यादा जरूरी है कि लेंस आंखों के लिए सुरक्षित हो।
नेत्र रोग विशेषज्ञों की सलाह:
- हमेशा आंखों की जांच के बाद ही लेंस खरीदें
- लेंस पहनने के नियमों का सख्ती से पालन करें
- कभी भी लेंस पहनकर नींद न लें
- लेंस की सफाई और रख-रखाव में लापरवाही न करें