जनपद हापुड़ में राजस्व वसूली में पिछड़े ऊर्जा निगम के अधिकारियों की गर्दन फंसी तो महज 12 दिनों में 8500 बकायेदारों के कनेक्शन काट दिए। लक्ष्य के सापेक्ष अभी 45 करोड़ का राजस्व और वसूलना है। चार दिन में वसूली करना अधिकारियों के लिए काफी मुश्किल कार्य है।
मार्च महीने में वसूली के बड़े अभियान चलते हैं, इस बार ऊर्जा निगम के कर्मचारी छह दिन तक हड़ताल पर रहे, जिसके चलते रिकवरी नहीं हो सकी। शासन से हापुड़ के तीनों डिवीजन को 114 करोड़ के राजस्व वसूली का लक्ष्य मिला था।
हड़ताल के बाद शुरूआत में अधिकारियों ने ढिलाई बरती, जिसके चलते चार से पांच करोड़ रुपये की ही वसूली हो सकी। एमडी कार्यालय ने लापरवाह कर्मियों पर कार्यवाही के लिए सूची मांगी, अफसरों को भी कड़ी फटकार लगाई।
लापरवाह कर्मियों की सूची बनाई जा रही हैं, इसमें गढ़ और हापुड़ डिवीजन के सबसे अधिक कर्मचारी हैं। तीनों डिवीजन के एक्सईन ने अपने अधीनस्थ कार्य करने वाले एसडीओ और अवर अभियंताओं को बकायेदारों की सूची का ब्योरा सौंपकर वसूली के हर संभव निर्देश दिए ।
आलम यह है कि 12 दिन के अंदर ही तीनों डिवीजन क्षेत्रों में 8500 से ज्यादा बकायेदारों के कनेक्शन काट दिए गए हैं। तीनों डिवीजन से 69 करोड़ की वसूली हुई है। वसूली ने भी रफ्तार पकड़ी है, लेकिन अभी भी लक्ष्य के सापेक्ष करीब 45 करोड़ का राजस्व बकाया है, जिसकी चार दिन में वसूली करना काफी मुश्किल कार्य है।
नलकूप बिलों की बकायेदारी बनी सिर दर्द बानी हुई है। नलकूप बिलों में जुड़कर आ रही फर्जी बकायेदारी को लेकर राजस्व वसूली भी अफसरों के लिए सिरदर्द बनी है। आलम यह है कि ऐसे बिल संशोधित नहीं हो पा रहे हैं और किसान पुरानी रसीदें दिखाकर पहले बिलों को संशोधित करने की मांग कर रहे हैं।
यूके सिंह- अधीक्षण अभियंता ने बताया की तीनों डिवीजन के अधिशासी अभियंताओं को राजस्व वसूली को लेकर कड़े निर्देश दिए गए हैं उपभोक्ता समय से बिल जमा कर दें, ताकि जिले के लिए पर्याप्त बिजली की खरीद हो सके।